तेलंगाना में अब सभी सरकारी संस्थानो, निजी संस्थानों और प्रतिष्ठानों आदि को अपने संस्थान के नाम सूचना पट्ट आदि को तेलुगु भाषा में लिखित या प्रदर्शित करना होगा. साथ ही राज्य सरकार ने राज्य के सारे विद्यालयों में कक्षा 1 से 12वी तक तेलुगु भाषा को अनिवार्य विषय बनाने का अहम निर्णय लिया है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक़ मुख्यमंत्री ने तेलंगाना के सभी निजी और सरकारी संस्थानों को आदेश दिए है जिसमे कहा गया है कि कक्षा 1 से 12वी तक तेलुगु भाषा को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएं.
इस विज्ञप्ति में साफ़ तौर पर कहा गया है कि मुख्यमंत्री राव ने सभी संस्थानों को बिलकुल स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई संस्थान तेलुगु भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में नहीं पढ़ाएंगे, तो ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. वही जो संस्थान तेलुगु भाषा को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाएंगे. केवल उन्ही संस्थानों को संचालन की इजाजत दी जाएगी. विज्ञप्ति के अनुसार जो छात्र उर्दू भाषा को चुनते है तो ऐसे छात्रों को तेलुगु को वैकल्पिक विषय के तौर पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
देश के उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने तेलंगाना सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. नायडू ने इस फैसले पर उम्मीद जताई है कि देश की अन्य राज्य सरकार भी अपने राज्य की मातृभाषा को आगे बढ़ने के लिए अपने कदम उठाएगी.
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