इंदौर : 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के फर्जी स्टाम्प पेपर बाजारों में चलाकर देश के सबसे बड़े घोटाले को अंजाम देने वाला अब्दुल करीम तेलगी अब इस दुनिया में नहीं रहा , लेकिन उसके द्वारा किये गए घोटाले की गूंज ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था. खास बात यह है कि इस मामले में इंदौर भी बड़ा केंद्र बन गया था.पहला मामला धार में उजागर हुआ था.
बता दें कि कर्नाटक के खानपुर में केले बेचने वाले अब्दुल करीम तेलगी के 16 राज्यों में 20000 करोड़ रुपए से ज्यादा के फर्जी स्टाम्प पेपर बाजारों में चलाकर चर्चित होने वाले तेलगी की कहानी बड़ी दिलचस्प है. उसने नासिक स्थित रुपए मुद्रण करने वाली सरकारी प्रेस से नीलामी में मशीन खरीदकर यह फर्जी काम शुरू किया था.धार में उपपंजीयक रमेशचंद्र राठौर के हाथ में फर्जी स्टाम्प का पहला मामला सामने आया इसके बाद देश के कई हिस्सों से मिली शिकायत के बाद सीबीआई ने 2004 में तेलगी के खिलाफ केस दर्ज किया था.
उल्लेखनीय है कि तेलगी ने फर्जी स्टाम्प पेपर बेचने के लिए तथा पैसों का हिसाब रखने के लिए उसने लगभग 300 बाजार विशेषज्ञ तथा व्यापार प्रबंधन प्रशिक्षित लोग रखे थे.स्टाम्प पेपर लोगों तक पहुंचाने के लिए तेलगी ने देशभर में कंपनी खोली. युवक-युवतियों के जरिये सरकारी संस्थानों, बैंकों में पहुंचने वालों को ग्राहक बनाकर स्टाम्प बेचना शुरू किया इंदौर में भी सेंटर खोला था.यहां तक की उसने इंदौर के स्टाम्प वेंडर जगजीवन यादव का लाइसेंस किराए पर ले लिया था.इस मामले में यादव भी सहआरोपी बना.लेकिन सुनवाई के दौरान उसकी मौत हो गई . 35 लाख के 50-50 रुपए के 100 फर्जी स्टाम्प का केस इंदौर के तुकोगंज थाने में दर्ज किया गया था.
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