हैदराबाद : तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 765 तेलुगु पत्रकारों ने हाल ही में एक पत्र लिखा है. उन्होंने क्रांतिकारी लेखक वरवर राव को जमानत पर रिहा करने के बारे में आग्रह करते हुए सुप्रीम कोर्ट, मुंबई हाईकोर्ट और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है. जी दरअसल पत्रकारों ने पत्र में कहा है कि, 'विप्लव रचयितल संघम (विरसं) के नेता और क्रांतिकारी लेखक वरवर राव देश की संपदा है. गंभीर रूप से बीमार उनके प्राणों की रक्षा करना हम सब का कर्तव्य हैं.'
इसके अलावा वरवर राव को रिहा करने के समर्थन में लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में मीडिया एकेडमी चेयरमैन अल्लम नारायण के साथ-साथ प्रमुख तेलुगु दैनिक समाचार पत्रों के संपादक, वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं. इस पत्र में पत्रकारों ने कहा कि वरवर राव ने सामाजिक समस्याओं पर अनेक लेख और कविताएं लिखी है. इसके अलावा लोगों को जागरूक करने और अन्याय खिलाफ आवाज उठाने का लोगों से आह्वान किया है. इसी के साथ बताया गया है कि उनका जीवन लोगों के लिए समर्पित है. इस पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि पुलिस ने पिछली बार दर्ज किये गये अनेक मामलों में वरवर राव बरी हो चुके हैं. इस मामले से भी बरी हो जाएंगे.
जी दरअसल वरवर राव भीमा-कोरोगाव मामले में पिछले 22 महीने से महाराष्ट्र की तलोजा जेल में विचारधीन कैदी के रूप बंद है. आप सभी को हम यह भी बता दें कि हाल ही में उनकी तबीयत पूरी तरह से बिगड़ गई हैं और वह इन दिनों अपने परिवार को भी नहीं पहचान पा रहे हैं. बीते दिनों ही वह कोरोना से भी संक्रमित हुए है. वहीँ इस बारे में पत्रकारों ने कहा कि किसी भी आरोपी को जमानत हासिल करने का अधिकार है. ठीक ऐसे ही नागपुर जेल में 90 फीसदी दिव्यांग प्रोफेसर साई बाबा की तबीयत बिगड़ती जा रही है.
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