ग्लोबल वार्मिंग का सीधा असर पर्यावरण के साथ-साथ जीव- जंतुओं पर भी पड़ रहा है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि धरती के तापमान में वृद्धि यूं ही जारी रही तो वर्ष 2100 तक 93 फीसद हरे कछुए मादा हो जाएंगे।
जानकारी के लिए बता दें अंडे से नर कछुआ जन्म लेगा या मादा यह तापमान पर निर्भर करता है। समुद्री कछुओं की सात प्रजाति में से एक प्रजाति ग्रीन टर्टल है। वर्तमान में इस प्रजाति के करीब 52 फीसद कछुए मादा हैं। इसकी वजह तापमान का बढ़ना है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली जीवों में एक प्रजाति यह भी है।
76 से 93 फीसद तक मादा हो जाने की आशंका
प्राप्त जानकारी अनुसार ब्रिटेन स्थित एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस प्रजाति के 76 से 93 फीसद तक मादा हो जाने की आशंका है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग का कई जीवों पर प्रभाव देखा जा रहा है। उनमें ग्रीन टर्टल भी शामिल है। धरती का तापमान बढ़ने के कारण कई जीवों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है।
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