CAA लागू होते ही पाकिस्तान में मंदिर पर हमला ! हिन्दू-सिखों पर आई नई मुसीबत

CAA लागू होते ही पाकिस्तान में मंदिर पर हमला ! हिन्दू-सिखों पर आई नई मुसीबत
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इस्लामाबाद: भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में नागरिकता अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी कर इस कानून को लागू कर दिया है। इसमें 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी नागरिकता देने का प्रावधान है। अब पाकिस्तान में इसका बड़ा असर दिखने लगा है। पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों की संपत्तियों के दाम गिरने लगे हैं और कई लोग कम दाम पर ही संपत्ति बेचने को मजबूर हैं। इसके साथ ही खैबर पख्तूनख्वा में 200 साल पुराने मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश का भी मामला सामने आया है।

 

पाकिस्तान के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के जयपाल छाबरिया ने भी 13 से 20 हिंदू और सिख परिवारों के संबंध में बात की है, जो पेशावर से पलायन कर गए थे और अब उन्होंने अपनी संपत्ति को बेचने का फैसला लिया है। छाबड़िया ने जानकारी दी है कि इन सिख परिवारों में से एक ने अपनी 2 करोड़ पाकिस्तानी रुपए की संपत्ति को महज 1.35 करोड़ में बेच दिया है, क्योंकि उन्हें दाम ही नहीं मिल रहे थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, NCM सदस्य ने कहा, "कारोबारी होने के नाते, हिंदुओं और सिखों ने पाकिस्तान में लाभदायक किराना स्टोर, फार्मेसियों और अन्य व्यवसाय शुरू किए थे, जो अब सस्ते में उपलब्ध हैं। सिंध की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, इसलिए वहां के ज्यादातर हिंदू भारत पहुंचकर वहां नागरिकता लेना चाहते हैं। हालांकि ये सरकार की भावनाएं नहीं हैं, मगर पाकिस्तान सरकार भारत में अल्पसंख्यकों के जाने को रोकने में नाकाम रही है।" 

पाकिस्तानी मीडिया ने दो शताब्दी पुराने हिंदू मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश होने का भी दावा किया है। ये मंदिर केपीके के स्वाबी जिले के रज्जर तहसील के दगई गांव में मौजूद है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मंदिर के आसपास रहने वाले हिंदुओं ने मंदिर को ध्वस्त होने से बचाया है। सिंध स्थित अल्पसंख्यक अधिकार संगठन दारेवर इटेहैंड के प्रमुख और संस्थापक शिव काछी ने मंदिर में तोड़फोड़ की खबर से इनकार करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ है, तो हम कड़ी निंदा करते हैं और इसकी छानबीन करेंगे।  उन्होंने इसे भारत में CAA के कार्यान्वयन से जोड़ने से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में CAA लागू होने के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की बातों में कोई हकीकत नहीं है।" हालाँकि, शिव काछी भले ही अभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की बात से इंकार कर रहे हों, लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का इतिहास रहा है, जिसके खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। 

 

वहीं, CAA अधिसूचना से पाकिस्तानी हिंदुओं में जश्न का माहौल है। 2006 से गुरदासपुर में एक हिंदू वेल्डर सरजन दास अब भारतीय नागरिकता की आस लागे बैठे हैं। भारत में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू CAA के तहत नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन देने के लिए तैयार हैं। नागपुर में 2,000 पाकिस्तानी हिंदू इस कानून के तहत भारतीय नागरिकता के लिए उत्सुकता से आवेदन कर रहे हैं।

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