नोटों से मंदिरों को चिंता, भक्तों से बंधी आस

नोटों से मंदिरों को चिंता, भक्तों से बंधी आस
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मुंबई : पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों से मंदिरों की चिंता बढ़ गई है तथा आने वाले भक्तों से इस बात की आस बांधी है कि वे मदद करने के लिये पुराने नोट ले जायेंगे। हालांकि मंदिरों की शर्त पुराने के बदले नये नोट दान में प्राप्त करना भी है। बताया गया है कि मुंबई में कुछ जैन मंदिरों ने भक्तों से दान में नये नोट देने की अपील करते हुये यह कहा है कि वे अपने साथ करोड़ो रूपये ले कर बेहिचक चले जाये।

जानकारी मिली है कि इन मंदिरों के पास न केवल दान में आये पुराने नोट है वहीं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर भी लाखों रूपये है, लेकिन नोटबंदी के बाद मंदिरों के संचालक ट्रस्ट प्रबंधकों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वे नोटों को खपाए कैसे। बैंक में जमा कराने जाये तो हिसाब देना पड़े और यदि रहने दिया जाये तो 30 दिसंबर के बाद ये किसी काम के नहीं।

बताया गया है कि भक्तों से अपील की गई है कि वे अभी पुराने नोटों को बगैर ब्याज पर ले जा सकते है लेकिन कुछ माह बाद अर्थात नये वर्ष में नये नोटों के रूप में ले जाने वाली रकम चुकाना पड़ेगी। जानकारी मिली है कि कुछ भक्तों ने पुराने नोटों को ले जाने के लिये हामी भरी है।

अब सरकार की नजर मंदिरों पर, अब तक का हिसाब मांगा

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