इम्फाल: मणिपुर के जिरीबाम जिले के ज़ैरोन हमार गांव में उग्रवादियों ने हमला कर, कम से कम छह घरों को आग के हवाले कर दिया। यह घटना गुरुवार शाम की है, जिसमें हथियारबंद उग्रवादी गांव के निवासियों पर हमला करने पहुंचे। पुलिस ने बताया कि कई ग्रामीण भागने में सफल हुए और पास के जंगल में छिपकर जान बचाई।
सूत्रों के अनुसार, कुकी-ज़ो संगठनों ने दावा किया है कि इस हमले में गांव की एक महिला की जान गई है। हालांकि, जिला पुलिस ने अब तक इस मृत्यु की पुष्टि नहीं की है। मणिपुर पिछले साल मई से ही जातीय हिंसा के संकट से जूझ रहा है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह हिंसा तब भड़की थी जब मैतेई समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांगे जाने के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी संगठनों ने 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आयोजन किया था।
मणिपुर की जनसंख्या का करीब 53 प्रतिशत हिस्सा मैतेई समुदाय का है, जो इम्फाल घाटी में निवास करता है। वहीं, आदिवासी समूह, जिसमें नागा और कुकी शामिल हैं, राज्य की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में बसे हुए हैं।
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