नई दिल्ली : मोदी कैबिनेट में नए-नए बहाल हुए विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कश्मीर में छिड़ी हिंसा को अस्थायी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुबान, ईमान और यकीन साफ है। पीएम की तारीफ करते हुए अकबर ने कहा कि उन्होने पाकिस्तान से साफ शब्दों में कह दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
अकबर ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि भारत हमेशा पड़ोसी देश के साथ बातचीत का पक्षधर रहा है और एक अच्छे पड़ोसी के लिहाज से भाईचारे के साथ पाकिस्तान को बताना चाहते है कि वो अपनी आंखे खोल लें। कश्मीर की घटनाओं पर चर्चा के दौरान अकबर ने कहा कि कश्मीर में छिड़ी हिंसा की वर्तमान घटना देश के निर्माण से जुड़ी है।
उन्होने कश्मीर को भूगोल से अधिक विचारधारा की लड़ाई मानते हुए कहा कि कश्मीर की लडाई धर्म के नाम पर लोगों को बांटने, धर्म के नाम पर लोगों को दो करने की है। कुछ लोग एक आतंकवादी का हीरो के रुप में पेश कर रहे हैं। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने पर अकबर ने कहा कि उस पर 15 इल्जाम थे।
उस पर सरपंचो, सुरक्षा बलों व नागरिकों की हत्या का भी आरोप था। उसने केबल कंपनियों को तबाह कर दिया था। बहुत से नौजवानों को भी उसने बरगलाया था। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि पूरी सच्चाई तो कश्मीरियत में है, वहां की इंसानियत में है। 1965 की लडाई में मुंह की खाने के बाद जब पाकिस्तान को जीत की कोई संभावना नजर नहीं आई तो उसने आतंकवाद का रास्ता अपनाया और 80 के दशक से ही आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है।