अहमदाबाद: गत वर्ष 2022 में बिहार पुलिस और NIA ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का भंडाफोड़ किया था, जो 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने पर काम कर रहा है और केरल से कश्मीर तक फैल चुका है। इस साजिश को सफल करने के लिए PFI ने पूरा प्लान भी बना लिया था कि, कैसे मुस्लिमों को हथियार की ट्रेनिंग देनी है, कैसे SC/ST और OBC को भड़काकर उन्हें बाकी हिन्दुओं के खिलाफ करना है, सिस्टम में अपने लोग बिठाने हैं और फिर आतंकी संगठित होते ही सत्ता पर कब्ज़ा कर भारत को इस्लामी झंडे के नीचे लाना है। इसी तरह का खुलासा मध्य प्रदेश और तेलंगाना से पकड़े गए आतंकी संगठन हिज़्ब उत तहरीर (HuT) के 16 संदिग्धों से हुई पूछताछ में भी हुआ है, जो मध्य प्रदेश के जंगलों में हथियारों की ट्रेनिंग ले रहे थे। ये सभी लोग आम इंसानों की तरह जनता के बीच रह रहे थे, कोई इंजिनियर था, कोई प्रोफेसर। सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये थी कि, HuT के 16 आतंकियों में से आधे पहले हिन्दू ही थे, जिन्हे ब्रैनवॉश करके और भगोड़े इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक की तकरीरें सुनाकर पहले मुस्लिम बनाया गया, और फिर आतंकी, इन कट्टरपंथियों को अन्य लोगों को भी धर्मान्तरित करने का टास्क दिया गया था। इन घटनाक्रमों को देखकर आप समझ सकते हैं कि, आतंकवाद हमारे कितने करीब आ चुका है और भारत पर कितना बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है। अब गुजरात से बड़ा टेरर मॉड्यूल पकड़ा गया है। इस को देखकर यह कहा जा सकता है कि, आतंकवाद भारत के हर राज्य में पैर पसार चुका है, लेकिन, एजेंसियों की सख्ती के कारण वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
#WATCH | Ahmedabad: Gujarat Anti-Terrorism Squad (ATS) busted an active cell of the militant organisation Al-Qaeda
— ANI (@ANI) May 22, 2023
We received information that four Bangladeshi nationals are living here illegally and are associated with Al-Qaeda. They were motivating people to join Al-Qaeda and… pic.twitter.com/T3pjsSoItu
रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में आतंकी संगठन अल कायदा का नेटवर्क तैयार किया रहा था। पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने अहमदाबाद में एक्टिव इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 4 बांग्लादेशियों को दबोचा हैं। अब इनके मददगारों की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार बांग्लादेशियों की शिनाख्त मोहम्मद सोजिब मियाँ, मुन्ना खालिद अंसारी, अज़रुल इस्लाम अंसारी और अब्दुल लतीफ़ के रूप में की गई है। विदेशी आकाओं के आदेश पर ये भी PFI और HuT की तरह स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में लगे हुए थे। सोमवार (22 मई 2023) को इनकी गिरफ्तारी की गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ATS काफी समय से सोजिब मियाँ पर नजर रख रही थी। उसके फोन कॉल से लेकर गतिविधि तक की निगरानी की जा रही थी। गुजरात ATS के DIG दीपेन ने जानकारी दी है कि ATS को कुछ दिनों पहले इनपुट मिला था कि अल कायदा से संबंधित 4 बांग्लादेशियों ने बॉर्डर पार की है और वे गुजरात में आतंकी संगठन का नेटवर्क खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी स्थानीय युवाओं को अल कायदा में भर्ती होने के लिए उनमे मजहबी जहर भर रहे थे।
गुजरात के ATS के DIG ने जानकारी दी है कि सबसे पहले सोजिब मियाँ से इस बारे में पूछताछ की गई। पूछताछ में उसका असली नाम मोहम्मद सोजिब मियाँ अहमद अली सामने आया। उसकी निशानदेही पर ATS ने मुन्ना खालिद अंसारी, अज़रुल इस्लाम अंसारी और अब्दुल लतीफ़ को दबोचा। ATS ने बताया है कि ये चारों बांग्लादेश में एक कपड़ा फैक्ट्री में नौकरी करते थे। यहीं एक-दूसरे के संपर्क में आए। इन सभी को बांग्लादेश में आतंकी संगठन अल कायदा से शरीफुल इस्लाम ने जोड़ा। शरीफुल इस्लाम ने इनका परिचय साईबा नाम के अल कायदा के जिला प्रमुख से परिचय करवाया। उसने इन सभी को पैसे जुटाने, कट्टरपंथ फ़ैलाने, पुलिस से बचने, एप के माध्यम से एक-दूसरे से संपर्क में रहने आदि की ट्रेनिंग दी।
वहीं, बांग्लादेश में इन्हे हथियार चलाने और जिहाद के प्रचार का भी प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग के बाद चारों गैर कानूनी तरीके से बॉर्डर पार कर भारत में घुसे और फिर अहमदाबाद आ गए। इनके पास से ATS को फर्जी आधार और पैन कार्ड भी बरामद हुए हैं, साथ ही अल कायदा के मीडिया ग्रुप का आतंकी साहित्य भी मिला है। इन पर ATS ने UAPA समेत IPC की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। अब गुजरात ATS घुसपैठ में इनकी सहायता करने वालों, इनके फर्जी पहचान पत्र बनवाने वालों और इन्हें गुजरात में पनाह देने वालों की तलाश कर रही है। बता दें कि, ये कट्टरपंथी आम इंसानों की तरह जनता के बीच रहते हैं और बेहद शातिर तरीकों से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं, इसी कारण ये पुलिस की नज़रों से भी बचे रहते हैं। देशभर में तेजी से बढ़ती आतंकी गतिविधियों के चलते अब समाज पर भी यह जिम्मेदारी आ गई है कि, वो यदि कोई कट्टरपंथी गतिविधि देखते हैं तो पुलिस को तुरंत सूचित करें और जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने का फर्ज निभाएं।