श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों की बड़ी संख्या दिखाई दे रही है, जिनमें जमात-ए-इस्लामी से लेकर इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी तक के नेता और कुछ अलगाववादी भी शामिल हैं। इन्हीं उम्मीदवारों में एक प्रमुख नाम है अफजल गुरु के भाई, एजाज गुरु का, जो सोपोर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अफजल गुरु वही व्यक्ति था जिसे 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया गया था और 2013 में फांसी दी गई थी।
58 वर्षीय एजाज गुरु, जो कि नौवीं कक्षा तक पढ़े हैं, पशुपालन विभाग में नौकरी कर चुके हैं और बाद में ठेकेदारी में शामिल हो गए। उन्होंने अपनी संपत्ति का विवरण देते हुए बताया कि उनके पास लगभग 50 लाख रुपये की अचल संपत्ति और 8 लाख रुपये की चल संपत्ति है। इसके अलावा, उनके नाम पर छह लाख रुपये का बैंक लोन भी है, जबकि उनकी पत्नी के पास लगभग तीन लाख रुपये की संपत्ति है।
एजाज ने स्पष्ट किया है कि वह अपने भाई अफजल गुरु के नाम पर वोट नहीं मांगेंगे और उनकी राजनीतिक विचारधारा अलग है। चुनाव लड़ने का प्रमुख कारण उन्होंने अपने बेटे शोएब की गिरफ्तारी को बताया, जिसे दिसंबर 2023 में ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और जो फिलहाल जेल में है। एजाज का कहना है कि वह उन लोगों के लिए लड़ेंगे जिन्हें संदिग्ध परिस्थितियों में गिरफ्तार किया गया है। सोपोर विधानसभा सीट, जहां से एजाज चुनाव लड़ रहे हैं, पहले जमात-ए-इस्लामी का गढ़ मानी जाती थी, और यहां चुनावों का बहिष्कार होता था। एजाज गुरु सोपोर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस क्षेत्र की पुरानी गरिमा को वापस लाने और विकास व एकता पर जोर दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में तीन चरणों में मतदान होगा, और परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
अफजल गुरु, जिसे 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था, को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में नौ लोगों की जान गई थी, और अफजल को 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
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