आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान 31 दिसंबर को सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे. दोनों जवानों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे, लेकिन इसके बावजूद आतंकियों की गोली बुलेट प्रूफ शील्ड को भेदते हुए जवानों को घायल कर गई. इसकी वजह है, आतंकियों का स्टील बुलेट का इस्तेमाल करना.
दरअसल स्टील बुलेट हमारे जवानों के बुलेट प्रूफ शील्ड को भेदने में सक्षम है. पुलवामा में आतंकियों की ओर चलाई गई गोली का अगला हिस्सा तांबे का न होकर स्टील का था. हमारे जवानों के बुलेट प्रूफ शील्ड केवल तांबे की बुलेट रोकने में सक्षम है. इसलिए आतंकियों की एके 47 से निकली स्टील बुलेट ने हमारे 5 जवानों को शहीद कर दिया. सुरक्षा बलों ने आशंका जताई है कि आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई स्टील बुलेट चीन से मँगवाई गई है. क्योंकि वहाँ इस तरह की स्टील बुलेट का निर्माण हो है.
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसकी जांच जारी है. लेकिन इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना को स्टील बुलेट की आपूर्ति चीन द्वारा की गई होगी. पाकिस्तानी सेना से यह स्टील बुलेट आतंकियों के पास आई होंगी. उन्होंने कहा कि इस नई चुनौती से निपटने के लिए कश्मीर में सुरक्षा बलों को ज्यादा मजबूत बुलेट प्रूफ जैकेट और शील्ड उपलब्ध कराने की तैयारियां शुरू हो गई हैं.
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