नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फियादीन आतंकी हमले से ठीक पहले आतंकवादियों ने पाकिस्तान में कई रैलियां निकाली थीं। बीती पांच फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी रैली में भारत पर हमला करने के लिए दावा किया गया है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की कराची रैली में संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के नाम पर आत्मघाती दस्ते बनाए जाने की घोषणा की गई थी।
सिंधु ने जीत के साथ किया सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का आगाज
आतंकियों की रैली में ऐलान किया गया था कि जैश ए मोहम्मद ने आत्मघाती हमलावरों के सात अलग-अलग दस्ते भारत के अलग-अलग शहरों में भेज दिए हैं। आतंकियों की रैली के दौरान आतंकी हाफिज सईद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देते हुए कहा था कि, मोदी अपनी फौज लेकर कश्मीर से बाहर निकल जा और अगर नहीं निकलेगा तो भारत को बहुत कुछ छोड़ना पड़ेगा। सईद की इस धमकी के बाद कश्मीर में आतंकी हमला हुआ है और 44 से अधिक जवान शहीद हो गए।
आरबीआई ने चार गवर्नमेंट बैंकों पर ठोंका पांच करोड़ का जुर्माना
वहीं भारत सरकार ने अब इस मामले पर ठोस कार्यवाही करते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है, जो उसे 1996 में दिया गया था, साथ ही मोदी सरकार ने इस मामले को लेकर एक डोजियर तैयार करने की बात कही है, जिसमे इस बात के सबूत होंगे कि इस आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ था, जिसके जरिए पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया जाएगा।
खबरें और भी:-
अजमेर में आयोजित सेवादल की बैठक में राहुल ने साधा पीएम मोदी पर निशाना