वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को इजराइल और आतंकी संगठन हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि आतंकी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर हमला करने का मकसद सऊदी अरब और इजराइल के बीच सामान्य हो रहे संबंधों को रोकना था।
राष्ट्रपति बाइडेन ने एक अभियान निधि संचयन में कहा कि, "एक कारण... हमास ने इज़राइल पर कदम क्यों उठाया, क्योंकि वे जानते थे कि मैं सउदी के साथ बैठने वाला था।" अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि उन्हें लगता है कि हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को एक घातक हमला किया था, क्योंकि, “अंदाजा लगाओ क्या? सउदी इजराइल को मान्यता देना चाहते थे” और वे औपचारिक रूप से ऐसा करने में सक्षम होने के करीब थे।
बता दें कि, इजराइल और सऊदी अरब लगातार सामान्यीकरण के करीब पहुंच रहे थे, बाइडेन दोनों देशों को एक साथ लाने में मदद करने के लिए काम कर रहे थे, सितंबर में भारत में 20 शिखर सम्मेलन के समूह में पीएम मोदी के नेतृत्व में एक शिपिंग कॉरिडोर पर साझेदारी की योजना का ऐलान किया गया था। इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर बाइडेन से मुलाकात की और उनसे कहा था कि, "मुझे लगता है कि श्रीमान राष्ट्रपति, आपके नेतृत्व में हम इजरायल और सऊदी अरब के बीच एक ऐतिहासिक शांति स्थापित कर सकते हैं।"
लेकिन, इसी बीच फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर इतिहास का सबसे घातक हमला कर दिया, जिससे एक बार फिर दुनिया दो धड़ों में बंट गई। एक ओर तमाम मुस्लिम जगत, फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं, तो वहीं, अमेरिका, इटली, ब्रिटेन जैसे देश आतंकी हमला झेल चुके इजराइल का पक्ष ले रहे हैं। उधर, इजराइल के खिलाफ तमाम आतंकी संगठन भी लामबंद हो रहे हैं, फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के अलावा, यमन के हौथी उग्रवादी, लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकी, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के आतंकी भी इजराइल पर हमला कर रहे हैं। इजराइल के 200 नागरिक अब भी हमास के पास बंधक हैं, जिन्हे छुड़ाने के लिए यहूदी देश अब जमीनी जंग की तैयारी कर रहा है।
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