श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में आज नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हैरान करने वाला बयान दिया है की कश्मीर में जो युवक आतंकी बन रहे है वह विधायक या सांसद बनने के लिए नहीं बल्कि कौम और वतन की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं. ये युवक आजादी और अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. उनके इतना कहने पर सनसनी फ़ैल गई किन्तु बता दे बाद में उन्होंने अपने बयान से मुकरते हुए स्पष्ट किया कि वह हिंसा और आतंकवाद का समर्थन नहीं करते, हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि दिल्ली सरकार यहां के युवाओं के साथ संवाद करे, जिससे संभव है उनका गुस्सा काम हो जाए. हाईकोर्ट के जज की अगुवाई में एक आयोग बनना चाहिए जो युवाओं के बंदूक उठाने के कारणों की जांच करे.
नेशनल कांफ्रेंस के कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. फारूक ने बताया की वे कश्मीर की आजादी के लिए अपनी जिंदगी देकर गए युवको की कुर्बानियों को हमेशा याद रखें. यह बात तो सब जानते हैं कि इन युवको का बन्दुक उठाने एक कारण क्या है. यह हमारी जमीन है और हम ही इसके असली वारिस हैं. यह लड़ाई 1931 से ही जारी है.
इस आयोजन के जरिए उन्होंने भारत-पाक को लताड़ा और कहा कि दोनों मुल्कों ने कश्मीरियों से न्याय नहीं किया है. हम किसी के दुश्मन नहीं है. हम दोनों मुल्कों से अपने लिए इंसाफ मांगते हैं. दोनों 1948 में किए गए वादों को भूल गए हैं.
ये भी पढ़े
सेना प्रमुख ने दी शहीद सैनिको को श्रद्धांजलि
बीएसएफ ने की घुसपैठ की कोशिश नाकाम, एक हुआ ढेर, दूसरे को पकड़ा
सेना के लिए नया खतरा बन रहा 'इनफॉर्मर ट्रैप'!