अफगान की जेल से फरार हुए ISIS-K के तीन बड़े आतंकी लश्कर तथा जैश के साथ कश्मीरी युवाओं को दोबारा आतंकी संगठन में जोड़ने की योजना बना रहे हैं। भारत की सुरक्षा ऐजेंसी को प्राप्त हुए इनपुट के अनुसार, इन तीन दहशतगर्दो में दो पाकिस्तानी तथा एक कश्मीरी है। वहीं दूसरी ओर तालिबान के आतंकवादी समूह ने कश्मीर के लिए आवाज उठाने को अपना हक़ बताया है। इन सब के मध्य अब भारत की समस्या और अधिक बढ़ गई है।
वही इन तीन दहशतगर्दो में सबसे पहला नाम असलम फारूकी अखुंदजादा का है, जोकी एक पाकिस्तानी व्यक्ति है। फारूकी अफगान-पाकिस्तान सीमा के टाइयबल क्षेत्र का रहने वाला है। यह आतंकी पिछले 10 वर्ष से आतंकी संगठन में कश्मीरी युवाओं को जोड़ने का कार्य करता रहा है किन्तु बीते एक वर्ष से अफगान की जेल में था।
वही दूसरे आतंकी का नाम मनसीब बताया जा रहा है, जोकि ISISK का सोशल मीडिया चलाता है। मनसीब एक IT एक्सपर्ट है तथा पाकिस्तान का रहवासी है। मनसीब ने सोशल मीडिया के जरिए ISIS-K में कई व्यक्तियों को जोड़ने का काम किया है। वही अब यह फिर से सक्रीय हो गया है। इसके अतिरिक्त तीसरा नाम एजाज अहंगारी का है, जोकी मूल तौर पर कश्मीरी बताया जाता है। एजाज काफी वक़्त से कश्मीर से फरार होकर कर पीओके में आतंकी संगठनों के साथ काम करता था।
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