नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा पर सुरक्षाबलों को एक इंटर एजेंसी बनाने का निर्देश दिया है। यह एजेंसी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर हो रही ड्रोन से तस्करी को रोकने के लक्ष्य पर कार्य करेगी। दो दिन पहले हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में एजेंसियों ने शाह को जानकारी दी है कि 182 किमी तक फैली भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बीते कुछ महीनों में ड्रोन से तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। जिससे यह स्पष्ट है कि अब आतंकी हथियार, पैसे और अन्य सामान के लाने-ले जाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।
दरअसल, अमित शाह बुधवार (5 अक्टूबर) को श्रीनगर में तैनात उच्च अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्हे ड्रोन हमले के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। BSF ने इस बैठक में कहा है कि वह ऐसे ड्रोन जो तस्करी में उपयोग किए जा रहे हैं, उन्हे रोकने में सक्षम हैं। हालांकि पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस बात से सहमत नज़र नहीं आए। सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक, 6 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें ड्रोन के जरिए लाए जा रहे हथियार बरामद किए गए हैं।
इनमें जम्मू, सांबा, कठुआ और राजौरी इलाके शामिल हैं। हालांकि कुल कितने ड्रोन ने इंटरनेशनल बॉर्डर को पार किया है, इसका अनुमान किसी के पास नहीं है। 2020 में जिन हथियारों को जब्त किया गया है, उनमें 7 एके सीरीज की असॉल्ट राइफल्स, 9 पिस्टल्स, 2 एमपी 4 कर्बाइन, 5 कर्बाइन मैग्जीन और 10 उच्च विस्फोटक क्षमता वाले ग्रेनेड बरामद हुए हैं। 2021 में 12 एक्टिविटी में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है। जिनमें 5 सिंबा में, 6 जम्मू में और एक राजौरी में इसे घटना में शामिल पाया गया है। इनमें से भी 27 पिस्टल्स, 25 हाई एक्सप्लोसिव ग्रेनेड, 22 IED जब्त किए गए हैं।
बता दें कि इस साल अब तक 3 ड्रोन एक्टिविटी रिपोर्ट की जा चुकी है। इनमें जम्मू, कठुआ क्षेत्रों में ड्रोन देखा गया है। इनसे एक पिस्टल, 5 IED, 6 ग्रेनेड्स, 7 राउंड ग्रेनेड लॉन्चर, 3 बॉटल एक्सप्लोसिव पदार्थ की और 10 स्टिकी मैग्नेटिक बम बरामद किए जा चुके हैं।
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