ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में आवासीय परिसर के एक चौकीदार को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जिला न्यायाधीश एच एम पटवर्धन ने 2015 के मामले में बीते हफ्ते फैसला सुनाते हुए 34 वर्षीय सुनील उर्फ साहिल रामप्रकाश उपाध्याय को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के प्रावधानों के तहत दोषी पाए था.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, पीड़ित यहां मीरा रोड में एक आवासीय परिसर में अपने माता-पिता के साथ निवास करता था. आरोपी ने 22 सितंबर 2015 को बच्चे को इमारत में अपने सुरक्षा कक्ष में बुला कर उसका यौन शोषण किया. उस वक़्त पीड़ित की आयु 10 वर्ष थी. बच्चे के पिता की तरफ से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया था.
जिसके बाद अभियोजन ने अदालत से आग्रह करते हुए कहा कि वह कोई नरमी बरते बगैर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दे. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव समर्थन के वकील की ये दलीलें खारिज कर दीं कि बच्चे के पिता का आरोपी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था, इसलिए उसने अपना बदला लेने के लिए चौकीदार को फंसाया.
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