वक्त गुजरते ही व्यक्ति की उम्र भी बढ़ती है, तब एक समय ऐसा भी आता है कि व्यक्ति को एहसास होने लगता है कि वह बूढ़ा हो रहा है. यदि कुछ पल के लिए अपने दिमाग से वह इस एहसास को निकाल दे तो आसपास की चीजे और हालात उसे ये सब सोचने पर मजबूर कर देते है.
बुढ़ापे के कारण चेहरे पर झुर्रियां, मसल्स में ढीलापन, आंखो में धुंधलापन आ जाता है, इस कारण भी व्यक्ति यह सोचने लगता है कि वह बूढ़ा हो गया है. ऐसे समय में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसका रिश्ता घर-परिवार से टूट गया है. व्यक्ति अपनी पुरानी यादो में खो जाता है और हमेशा उलझन में रहता है. घर में जश्न का माहौल होने के बाद भी आपके मन में एक प्रकार की उदासी है जो ये बार-बार एहसास कराती है कि आप बूढ़े हो गए है.
यदि आप 20 से 30 साल पुरानी किताब या फिल्म जो आप पहले देख चुके है, उसे वापस देखते या पढ़ते है तब आपको एहसास होता है कि आप बूढ़े हो रहे है. जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते है, आपको अपनी घटती उम्र का एहसास होने लगता है.
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