इंदौर। शहर के एमआईजी इलाके में आदिल अली निवासी छोटी खजरानी ने अपने साथी शादाब और अन्य के साथ मिलकर पिछले महीने एक इवेंट मैनेजर, तुषार सेंगर की हत्या कर दी थी। जिसके चलते पुलिस ने नाबालिग और तीन आरोपियों को वारदात के 24 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया था लेकिन, आदिल और शादाब बच निकले थे। मंगलवार रात क्राइम ब्रांच ने जब आदिल को पकड़ा तो आदिल ने बताया कि, मर्डर करने के बाद वह और उसका साथी शादाब नागपुर भाग गए थे। नागपुर में करीब 10-12 दिन दोनों साथ रुकने के बाद इन्होंने प्लानिंग बनाई की अगर साथ रहेंगे तो पकड़े जाएंगे, इसलिए उसके बाद से दोनों अलग-अलग हो गए।
शादाब वहीं नागपुर में ही रुक गया और आदिल को अजमेर भेज दिया। आदिल अजमेर शरीफ़ की दरगाह के लंगर में खाना खाता और वहीं घूमता रहता। पैसे खत्म होने पर वह उसके दोस्तों के ज़रिये इंदौर आ गया औरयहाँ आ कर चंदन नगर के राज नगर में अपने दोस्त के घर पर रुका। नाइट कल्चर के चलते रात में वह अपने दोस्तों के साथ खुले आम घूमने लगा। दो दिनों तक वह बाइक से एमआईजी, पलासिया, तुकोगंज इलाके में घूमता रहा। इस दौरान क्राइम ब्रांच के एक मुखबिर ने उसे पहचान लिया और आदिल के इंदौर में होने की जानकारी क्राइम ब्रांच को दी, जानकारी मिलते ही टीम सक्रिय हो गई और सीसीटीवी कैमरों से उसकी तलाश करने लगी। तलाश के दौरान उन्हें आदिल का ठिकाना मिल गया, और वहां से आदिल को गिरफ्तार कर लिया गया।
आदिल ने बताया कि, वह पैसे लेने इंदौर आया था और पैसे लेने के बाद फिर से राजस्थान निकल जाने वाला था। यहां से राजस्थान जाने के बाद कोटा में वह शादाब से मिलने वाला था। शादाब और आदिल दोनों ने अपने दोस्तों के नाम पर फर्जी सिम ले ली थी जिसके ज़रिये दोनों संपर्क में थे। आदिल के पकड़े जाने के बाद शादाब ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है, लेकिन उसकी आखिरी लोकेशन कोटा में ही मिली है। आदिल के इंदौर आने पर उसके एक दोस्त ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट भी डाली थी, जिसमे उसने लिखा था "भाई वेलकम।" इस युवक से भी क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की है।
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