देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दिल्ली में उत्तराखंड की बेटी के क़त्ल के अपराधियों का रिहा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन अपराधियों को उच्च न्यायालय ने फांसी की सजा दी, वे रिहा हो गए। यह कैसे हुआ, सोचनीय विषय है तथा कानून के जानकारों के लिए बड़ा अध्ययन का विषय है।
आखिर इस तरह अपराधी कैसे बच जाते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले ब्लैकमेलर और भेड़िये हैं, जो प्रदेश सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री रावत गिरीताल रोड स्थित बीजेपी नेता दीपक अग्रवाल व उदित अग्रवाल के आवास पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से उनका कोई संबंध नही है। उनके सलाहकार रहे केएस पंवार को लपेटने का प्रयास हो रहा है। जबकि उस कंपनी का कोई डायरेक्टर नहीं है। रिजर्व बैंक 3 बार इस मामले में उन्हें क्लीन चिट दे चुका है। प्रदेश सरकार की दो बार की तहकीकात में भी कोई अनियमितता नहीं पाई गई तथा उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है।
उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले प्रदेश विरोधी हैं तथा प्रदेश की जनता को ऐसे लोगों को पहचानना होगा। भर्ती घोटाले पर उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी नौकरी में पारदर्शिता होनी चाहिए, जिससे पात्र लोग ही उचित स्थान पर रहें। बैकडोर नियुक्ति बंद होना चाहिए। उन्होंने राज्य स्थापना दिवस पर राज्य की जनता को बधाई दी तथा कहा कि प्रदेश में बहुत बड़ा सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। प्रदेश ने बहुत प्रगति की है। इस विकास को आगे बढ़ाना है। हमें युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए। इस के चलते मेयर ऊषा चौधरी, खिलेंद्र चौधरी, गुंजन सुखीजा, राजेश कुमार, राम मेहरोत्रा, मुकेश कुमार, दीपक बाली, गुरविंदर सिंह चंडोक, संजय चतुर्वेदी, मंजू यादव, रीति नागर, राधेश्याम प्रजापति, कमलेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
शादी में नॉनवेज नहीं खिलाया तो भड़के बाराती, मचाया हंगामा
सावधान! NGO की आड़ में हो रही आतंकियों की भर्ती, समाजसेवा के नाम पर मुस्लिमों में भरा जा रहा जहर