चंडीगढ़: हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार और किसानों के बीच आखिरकार समझौता हो ही गया है। दरअसल, दोनों पक्षों में सूरजमुखी की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद को लेकर सहमति बन गई है। इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए किसान नेता भी रिहा कर दिए जाएंगे। किसानों ने मंगलवार (13 जून, 2023) रात प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा भी कर दी है।
#WATCH | We are ending our protest. The blocked roads will be opened today. We were protesting so that our crops are purchased at MSP. We will keep fighting for MSP across the country. Our leaders will also be released soon. Cases filed against our leaders will be taken back:… pic.twitter.com/TXfYZGGMwn
— ANI (@ANI) June 13, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, किसान आंदोलन खत्म करने की घोषणा करते हुए भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, 'हमारा यह आंदोलन MSP पर खरीद शुरू करने के लिए था। हमने देश के प्रधानमंत्री द्वारा तय किए गए भाव माँगे थे। यह लड़ाई देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री के बीच थी। हमारी MSP पर लड़ाई देशभर में होगी। हम प्रधानमंत्री को आगे रखेंगे, जो प्रधानमंत्री द्वारा तय कीमत है, वो हर राज्य को देना पड़ेगा। MSP गारंटी कानून के लिए बड़े आंदोलन की आवश्यकता पड़ेगी। बड़े आंदोलन की शुरुआत यहाँ से हो चुकी है।'
कुरुक्षेत्र के DC शांतनु शर्मा ने मंगलवार (13 जून) को कहा है कि, 'कुछ दिनों पहले 4800 रुपए में सूरजमुखी की फसल खरीदने का काम आरम्भ हुआ था। आज कीमत 4900 रुपए हो गई है। हमें इस रेट को फ़ौरन 5000 करने का आदेश मिला है। खट्टर सरकार किसानों के हित को सर्वोपरि रखती है और सदा उनके साथ खड़ी रहेगी। सरकार आगे भी या तो रेट बढ़ाकर या भावांतर से उचित मूल्य देने का कार्य करेगी।' बता दें कि आंदोलन ख़त्म करने को लेकर मंगलवार (13 जून, 2023) को किसान यूनियन और कुरुक्षेत्र प्रशासन के बीच मीटिंग हुई थी।
#WATCH कुरुक्षेत्र: सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य (MSP) की मांग पर राज्य सरकार की सहमति के फैसले के बाद किसानों ने जश्न मनाया। pic.twitter.com/TJUkoOrqS5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2023
इसके बाद हरियाणा सरकार की तरफ से DC शांतनु शर्मा किसानों से बातचीत करने पहुँचे थे। इस दौरान किसानों को सूरजमुखी के लिए 6400 रुपए प्रति क्विंटल देने के लिए सहमति दी गई। किसानों और प्रशासन के बीच हुए समझौते के तहत सूरजमुखी की फसल 5000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिकेगी। राज्य सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों के बैंक अकाउंट में 1400 रुपए अलग से भेजेगी। राज्य सरकार के फैसले के बाद किसानों ने आतिशबाजी करते हुए जश्न मनाया।
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