उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद सुप्रीम कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया गया है। जी दरअसल यह याचिका लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दर्ज करवाई गई थी। अब आज यानी बुधवार को इसे दो सप्ताह के लिये टाल दिया गया है। याचिकाकर्ताओं ने आज अदालत से कहा कि, 'उन्हें अपनी याचिका में कुछ खामियों को दूर करने के लिये कुछ और समय चाहिए।'
आप सभी को हम यह भी बता दें कि इस याचिका को जज राकेश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। अब जज ने इस मामले को सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश दिये हैं। जी दरअसल याचिका 8 जनवरी को अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद और सैयद अखलाक अहमद की तरफ से दर्ज करवाई गई है। याचिकाकर्ता को घटना का पीड़ित बताया जा रहा है। आप सभी जानते ही होंगे कि याचिका दायर करने वाले दोनों व्यक्ति इस मामले में गवाह होने के साथ-साथ विवादित ढांचा विध्वंस की घटना के पीड़ित भी हैं।
याचिकाकर्ताओं का कहना है विध्वंस में नाम आए अभियुक्तों को बरी करने के फैसले के विरुद्ध अब तक कोई भी अपील दाखिल नहीं की गई है। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में सभी 32 अभियुक्तों को दोषी करार दिए जाने की मांग की गई है। आपको याद हो तो बीते 30 सितंबर 2020 को सीबीआई की विशेष कोर्ट, अयोध्या प्रकरण ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साक्षी महाराज, लल्लू सिंह, बृजभूषण शरण सिंह व महंत नृत्यगोपाल दास समेत सभी जीवित 32 अभियुक्तों को बरी कर दिया था।
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