झाबुआ/ब्यूरो: झाबुआ के निवासी अजीत सिंह राठौड़ को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा “मरू रो मोती” फिल्म की बेस्ट ऑडियोग्राफी के लिए 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में नेशनल अवार्ड प्रदान किया जाएगा। इस फिल्म को अजीत सिंह राठौड़ ने ही .प्रोड्यूस किया हैं। “मरू रो मोती” फिल्म को भारत में राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने से पहले अन्य कई अवॉर्ड्स से नवाजा जा चुका है। “मरू रो मोती” फिल्म मंगलियार गायक मोती की कहानी पर आधारित है। ज्ञातव्य हो कि अजीत सिंह राठौर को वर्ष 2009 में 24 वर्ष की उम्र में महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 55 वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार महोत्सव में “क्रमशः” फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था।
अजीत की इस उपलब्धि पर उनकीे माता डॉ अर्चना राठौर अधिवक्ता-नोटरी एवं उपाध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ तथा पिता अशोक सिंह राठौर अधिवक्ता- नोटरी, मिशन स्कूल, बालक उत्कृष्ट विद्यालय एवं शहीद चंद्र शेखर आजाद महाविद्यालय के प्रिंसिपल्स, समस्त अधिवक्ता गण इष्ट मित्रों, परिजनों के साथ झाबुआ मीडिया, पत्रकार संघ झाबुआ और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बधाई दी है।
“आईडीएफए” विश्व का सबसे बड़ा डाक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल है,जो हर साल आयोजित होता है ।अजीत की फिल्म “मरू रो मोती” सबसे पहले इंटरनेशनल डाक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल एम्सटर्डम में बेस्ट फीचर लेंथ डाक्यूमेंट्री के लिए नामिनेट हो चुकी है ।यह फिल्म क्रोकोव फिल्म फेस्टिवल पोलेंड और ओल्मपिया फिल्म फेस्टिवल ग्रीस में भी अवार्ड जीत चुकी है। अजीत ने दसवीं तक पढ़ाई इंग्लिश मीडियम मिशन स्कूल में की तथा 11वीं और 12वीं बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से करने के पश्चात साइंस विषय छोड़ कॉमर्स विषय लेकर द्वितीय वर्ष तक शहीद चंद्र शेखर आजाद महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की तत्पश्चात फाइनल उन्होंने पुणे से किया और उसके बाद से ही उनके मन में फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में प्रवेश पाने का जुनून था मगर संबंधित लिटरेचर मार्केट में उपलब्ध ना होने से उन्होंने पूरी लगन और अपनी योग्यता से फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षा पहली बार में ही पास करके उसने प्रवेश पा लिया और भारतीय फिल्म संस्थान पुणे से पासआउट किया । वहां से 2006 से मुंबई आने के पश्चात से आज तक लगातार कई अवार्ड जीत चुके हैं।
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