रायपुर: शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव के संबंधी वीरभद्र प्रताप सिंह बिलासपुर जिले के रेलवे ट्रैक के पास मृत पाए गए। वीरभद्र प्रताप सिंह एक जनपद पंचायत प्रतिनिधि थे। पुलिस को आशंका है कि वह दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेस से गलती से गिर गए होंगे, जिससे वह यात्रा कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि सरगुजा जिले के लुंद्रा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष वीरभद्र प्रताप सिंह (42 वर्षीय) का शव प्रातः कोटा थाना इलाके के सलका एवं बेलगहना रेलवे स्टेशनों के बीच पटरियों के पास प्राप्त हुआ।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के रिश्तेदार वीरभद्र सिंह उर्फ सचिन बाबा पूर्व सरगुजा राजघराने की धौलपुर इकाई से संबंध रखते थे। बिलासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) पारुल माथुर ने कहा कि शव को रेलवे कर्मियों ने देखा, उन्होंने ही पुलिस को सूचित किया। SSP ने कहा कि शव की पहचान करने के पश्चात् उनके परिवार के सदस्यों को सूचित किया गया तथा तहकीकात के लिए फोरेंसिक टीम को मौके पर भेजा गया।
माथुर ने कहा कि वह गुरुवार रात-दुर्ग अंबिकापुर एक्सप्रेस से रायपुर से अंबिकापुर जा रहे थे तथा प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि वह चलती ट्रेस से गलती से गिर गए तथा उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, आगे की तहकीकात जारी है। पोस्टमार्टम के पश्चात् शव को उनके घरवालों को सौंप दिया गया है। इस बीच, विपक्षी बीजेपी ने दावा किया कि वीरभद्र प्रताप सिंह की मौत संदिग्ध हालातों में हुई है। बीजेपी ने घटना की न्यायिक तहकीकात की है। टीएस सिंह देव के नजदीकी रिश्तेदार वीरभद्र प्रताप सिंह को बीते वर्ष कांग्रेस MLA बृहस्पत सिंह के काफिले पर कथित हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकार ने कहा कि मौजूदा हालातों में यह कोई सामान्य घटना नहीं लगती तथा यह सियासी हत्या भी हो सकती है। उन्होंने मांग की कि सीएम बूपेश बघेल इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवाएं।
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