देवास : ''जाको राखे साईंया मार सके न कोई, बाल न बाक़ा कर सके जो जग बैरी होइ'' की कहावत मध्य प्रदेश के देवास जिले में खुले पड़े एक बोरवेल में दुर्घटनावश गिरे चार साल के एक बच्चे रोशन के साथ एक बार फिर चरितार्थ हुई. सेना, एनडीआरएफ और अन्य दलों ने 35 घंटे तक चले मेराथन अभियान के बाद रोशन को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. जब बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला गया तो वह मुस्कुरा रहा था और उसकी हसीं देख कर परिजनों की आँखों में ख़ुशी के आँसू थे.
दरअसल देवास जिले के खातेगांव क्षेत्र के उमरिया गांव में शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे जब रोशन के माता-पिता भीकम सिंह कोरकूव रेखा खेत पर मजदूरी कर रहे थे तभी रोशन खेलते हुए नजदीकी खेत में खुले पड़े बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा. रोशन लगभग 33 फुट नीचे फंसा हुआ था. रोशन को सुरक्षित निकालने के लिए समानांतर गड्ढे खोदा गया था. बाद में सुरंग के जरिए बच्चे तक पहुंचकर उसे सकुशल बाहर निकाला गया. 35 घंटे तक बोरवेल में फंसे होने के बावजूद रोशन ने जिंदगी की जंग को जीत लिया.
उसे जब बाहर निकाला गया तो वह मुस्कुरा रहा था. घटना की खबर मिलते ही शुरुआत में स्थानीय प्रशासन और बाद में राहत और बचाव कार्य में सेना और एसडीआरएफ का दल भी पंहुचा था. रोशन लगातार हरकत में था, इस वजह से शुरू से ही उसके बचने की उम्मीद की जा रही थी. उसे ऑक्सीजन दी जा रही थी. साथ ही पानी और दूध भी दिया जा रहा था, जिसे वह ले रहा था. कैमरे से उस पर नजर रखी जा रही थी.
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