इंदौर: छत्रपति शिवाजी महाराज की शिवाजी वाटिका पर मौजूद मूर्ति की अनदेखी को लेकर विरोध पनपा है। 51 वर्ष पुरानी 17 फीट ऊँची अश्वारूढ़ शिवाजी मूर्ति की पगड़ी का तुर्रा टूट गया है। तुर्रा टूटने की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात् इस पर मराठा समाज ने आपत्ति व्यक्त की है। उनका कहना है कि इसे शीघ्र से शीघ्र वापस लगाया जाना चाहिए। मूर्ति की इस प्रकार की अनदेखी से समाज की भावना दुखी हुई है।
हालांकि नगर-निगम ने इसे फिर से दुरुस्त करने की बात कही है। इस बात की खबर किसी को नहीं है कि पगड़ी का तुर्रा टूटा कैसे है। छत्रपति शिवाजी प्रतिष्ठान के अध्यक्ष मनोहर पवार का कहना है कि इस मूर्ति का लोकार्पण 1971 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने किया था। मुंबई से लाई गई इस मूर्ति का उंचाई तथा कारीगरी आकर्षण का केंद्र है। यहां पर 19 फरवरी को शिवाजी जयंती पर दो दर्जन से ज्यादा धार्मिक-सामाजिक तथा राजनैतिक संगठन के मेंबर माल्यार्पण के लिए आते हैं। इसके साथ सैकड़ों के आँकड़े में मराठी भाषी प्रतिमा पर अभिषेक-पूजन के लिए एकत्रित होंगे।
वही शिव सेना के जिला संपर्क प्रभारी जितेंद्र वाघमारे ने बताया कि निगम द्वारा मूर्ति की खूबसूरती का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मूर्ति को 5 फीट पीछे पुन: स्थापित की गई है। संभवत: इस के चलते उनकी जरीदार पगड़ी का तुर्रा टूट गया है। इसे फिर से लगाने के लिए निगमायुक्त प्रतिभा पाल को ज्ञापन दिया है। शिवाजी वाटिका पर कई बार अफसरों ने दौरा किया किन्तु इस तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। इसे जल्दी ठीक किया जाना चाहिए।
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