भोपाल: मध्य प्रदेश में चल रही 'लाड़ली बहना योजना' को लेकर सीएम मोहन यादव का हाल ही में बयान सामने आया है। उन्होंने इस योजना के वित्तीय भार को स्वीकार करते हुए कहा कि इसके बावजूद सरकार अपनी आय के स्रोतों को बढ़ा रही है, जिससे इस योजना का संचालन सरकार अपनी पूरी सामर्थ्य से कर सके।
गुरुवार को सीएम यादव भोपाल में अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। इस के चलते उन्होंने राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। सीएम मोहन यादव ने कहा, "राज्य में वर्तमान में 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये प्रति माह गैस रिफिलिंग के लिए दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 1 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को अब तक 19 हजार 212 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया जा चुका है।"
सीएम से जब यह सवाल पूछा गया कि उनकी सरकार बनने के बाद कुछ लोग यह कह रहे थे कि लाड़ली बहना योजना चल नहीं पाएगी तथा इस पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, "हम यह बात मानते हैं कि इस योजना का वित्तीय भार बढ़ा है, मगर हम आय के नए स्रोत भी विकसित कर रहे हैं। हम अपने पैरों पर खड़े होने के लिए अपनी वित्तीय व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। जब आय बढ़ेगी, तो इन योजनाओं का संचालन करना सरकार के लिए आसान हो जाएगा।" मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "हमने इस दिशा में गंभीरता से काम किया है कि हमारी जनकल्याणकारी योजनाओं, विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण के लिए चल रही योजनाओं, को निरंतर आगे बढ़ाते रहें। हमारी सरकार का उद्देश्य हमेशा से ही महिलाओं की स्थिति में सुधार लाना तथा उन्हें सशक्त बनाना रहा है, और इसके लिए हम सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।"
सीएम मोहन यादव ने यह भी बताया कि उनकी सरकार की कई योजनाओं का असर पहले से ही राज्य के गरीब और महिलाओं के जीवन पर नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस योजना का लाभ और भी अधिक महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें और समाज में बराबरी का स्थान प्राप्त कर सकें। इस के चलते सीएम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा से ही महिलाओं के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए हैं तथा लाड़ली बहना योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार की ये योजनाएं आने वाले समय में और अधिक प्रभावी साबित होंगी और प्रदेश की महिलाओं को एक नई दिशा मिलेगी।