नई दिल्ली: हुक्के का कश लगाते बुजुर्ग और युवा, तो घूंघट में घरों से निकली महिलाएं. जंहा विधानसभा चुनाव में ग्रामीण इलाकों में न जाति और न धर्म, केवल विकास के नाम पर मतदान हुआ. जंहा बीते शनिवार यानी 8 फरवरी 2020 सुबह से ही सड़कों पर निकले मतदाताओं में खूब उत्साह दिखा. जंहा इस बात पर गौर किया गया कि शुरुआती 2 घंटे में मतदान की प्रतिशतता 15 फीसदी के करीब रही, तो एक बजे यह आंकड़ा 35-40 फीसदी तक पहुंच गया.
वहीं इस बात का पता चला है कि जैसे-जैसे धूप खिलती गई तो सड़कों पर हर तरफ मतदाता दिखने लगे और यही सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा. पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के नजफगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में खास बात यह रही कि नजफगढ़ में मतदाताओं का जत्था निकल रहा था.
युवाओं और बुजुर्गों ने खूब लगाए कश: जानकारी के अनुसार गांव मित्राऊं के युवाओं ने कहा कि उन्होंने सुबह सबसे पहले एक ही पार्टी को वोट किया है, क्योंकि उन्हें विकास और नौकरी चाहिए. हुक्के की कश के बीच सीएए-एनआरसी का मुद्दा पूरी तरह गुम रहा. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि हर तरफ विकास कार्य करने वाली पार्टी के समर्थन के दावे किए गए. गांव इस्सापुर, ढासा, मित्राऊं, डिचाऊ कलां सहित आसपास के कई गांवों में भी स्टेडियम, स्कूल और अस्पताल के अलावा बेहतर परिवहन सुविधाएं देने के नाम पर वोटिंग हुई. 88 वर्षीय मतदाता पृथ्वी सिंह और हवा सिंह ने बताया कि वोट इस बार केवल विकास के नाम पर दिए गए हैं, क्योंकि देश और दिल्ली की बेहतरी तब होगी जब विकास होगा. हुक्के का कश लगाते रहे युवाओं का कहना था कि उन्होंने पूरे सोच समझ के साथ मतदान किया है. उन्होंने नौकरी और विकास की राह दिखाने वाली सरकार चाहिए.
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