उज्जैन। शहर में आयोजित सोशल मीडिया कॉन्क्लेव में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, आज नर्मदा जयंती है। माँ नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा हैं। उज्जैन में क्षिप्रा जी हैं, अटल जी का सपना था कि नर्मदा जी और क्षिप्रा जी को जोड़ा जाए। मध्यप्रदेश ने यह कर दिखाया। नर्मदा जी की कृपा है, जिसके कारण मध्यप्रदेश में सिंचाई की क्षमता 45 लाख हेक्टेयर हो गई है, और अब प्रदेश का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर करने का है। मध्यप्रदेश के सभी अन्न भण्डार भरे हैं, इसमें मैया की सबसे बड़ी कृपा है।
उन्होंने बताया कि, आज से दो साल पहले नर्मदा जी के उद्गम स्थल अमरकंटक में संकल्प लिया था कि, पर्यावरण को बचाने के लिए प्रतिदिन पौधरोपण करेंगे। कोविड काल में भी उनके द्वारा लिया गया यह संकल्प अविराम जारी रहा। मुख्यमंत्री ने कहा, जब पश्चिम के तथाकथित विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था तब ही ऋषि-मुनियों ने वेदों की ऋचाएँ रच दी थीं। पर्यावरण की रक्षा के लिए मध्यप्रदेश की धरती पर हरियाली महोत्सव और गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा हैं। पर्यावरण बचेगा, तो धरती बचेगी।
मुख्यमंत्री बोले, गोवर्धन पूजा का पर्व पर्यावरण संरक्षण का संदेशदेता है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि इंद्र की पूजा छोड़कर पेड़-पौधों को संरक्षित करो, इस लिए ही, मध्यप्रदेश में गोवर्धन पूजा की परंपरा को बढ़ावा दिया। साथ ही बेटियों को आगे बढ़ाने का संकल्प सिद्ध करने के लिए प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना कीशुऊआत की गई। शिवराज सिंह कहते है, आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि मध्यप्रदेश में लिंगानुपात हजार लड़कों पर 912 लड़कियों का था। अब यह बढ़कर 978 हो चुका है। बेटियों के विवाह के लिए कन्यादान योजना शुरू की, तो कहा गया यह कन्यादान हिंदू परंपरा का नाम क्यों ले रहे हैं। आप बताइए कन्यादान से बड़ा कोई पुण्य कार्य है।
बेटियों का घर बस जाए, इससे बड़ा पुण्य क्या हो सकता है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि, जीवन में एक बार तीर्थदर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करें, इस लिए बुजुर्गों का यह सपना पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना की शुरुआत की गई और देश के सभी प्रमुख तीर्थस्थलों के लिए तीर्थदर्शन योजना के तहत स्पेशल ट्रेन चलवाई गई। मध्यप्रदेश की धरती पर सरकार ने जनजातीय नायकों के भव्य स्मारक बनाने का काम किया जिसके चलते बिरसा मुंडा, भीमा नायक, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह, शंकर शाह जैसे अनेक जनजातीय नायकों को यथोचित सम्मान देने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि, सोशल मीडिया से नई क्रांति उत्पन्न हुई है। किसी भी विचार को प्रसारित करना हो, समर्थन अथवा राय बनानी हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से यह सब हो रहा है। "मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना और एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति।" हर विचार का आदर भारत की धरती ने किया है। प्रदेश के सभी प्राचीन एवं धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की शुरुआत की गई। सभी धार्मिक स्थल अपने पुराने वैभव के साथ दमक रहे हैं। महाकाल मंदिर में दर्शन- पूजन के बाद महाकाल लोक अवश्य जाएं। वह कहते है कि, यह बताते हुए प्रसन्नता है कि, पब्लिक सर्विस डिलिवरी गारंटी एक्ट सबसे पहले मध्यप्रदेश ने बनाया, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने पुरस्कृत किया है।
सोशल मीडिया ने भारत के जीवन मूल्य, परम्पराएँ, महापुरुष और हमारे धर्म को इस तरह स्थापित किया है कि, जो पहले प्रभु राम के अस्तित्व को नकारते थे, अब राम नाम की माला जप रहे हैं। माथे पर त्रिपुंड लगाकर महाकाल महाराज के चरणों में लेटे हुए हैं। आज के युग में यदि विचारों का प्रसार करना है, अच्छे कामों को लोगों तक ले जाना है तो, सोशल मीडिया अपरिहार्य है। इसने क्रांतिकारी परिवर्तन कर देश की मानसिकता बदली है।
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