केन्या में एक चिंपैंजी के बच्चे को अन्य चिंपैंजियों ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया है. कहा जा रहा है कि जिस चिंपैंजी की जान चली गई, उसे इंसानों ने पाला हुआ था. उसे ईरान से केन्या इसलिए भेज दिया गया था, जिससे वो अन्य चिंपैंजियों और जानवरों के साथ रहना सीख ले उसका विकास भी दूसरे चिंपैंजियों की तरह हो पाए. लेकिन किसी को भी इस बात का एहसास बिल्कुल भी नहीं था कि ऐसी घटना हो जाएगी. इस घटना के बाद से हर कोई बहुत ही ज्यादा दुखी है.
चिंपैंजी की बच्ची की मौत: केन्या पहुंचने पर उसे 90 दिन का क्वारनटीन को पूरा किया था. धीरे-धीरे वो अन्य जानवरों के मध्य घुलना मिलना सीखने लगा था. बोला जा रहा है कि बैरन नाम की इस चिंपैंजी अपने क्षेत्र से बाहर आ चुकी थी और अन्य चिंपैंजियों के मध्य पहुंच गई. जहां उस पर हमला किया गया, जिससे उसकी जान चली गई. इस घटना के उपरांत से हर किसी के होश उड़ गए है.
बैरन ने इंसानों के साथ काफी समय बिताया था: बैरन की तबियत ठीक नहीं थी तभी उसे ईरान से कैन्या भेजा जा चुका था. जहां पर वो अन्य जानवरों के साथ रहना सीखने के लिए और जल्दी ठीक हो जाए. बैरन को इंसानों ने इसलिए पाला था क्योंकि वो वक़्त से पूर्व पैदा हुई थी और उसकी मां ने उसे छोड़ दिया था. पशु चिकित्सक बैरन को अपने साथ ले गए और उसे पाला है. बैरन को छोड़ने का निर्णय इसलिए लिया गया था जब उन्हें यह लगने लागा था कि अब उसे माता-पिता के पास छोड़ देना चाहिए.
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