हिंदी मूवीज के सिनेमैटोग्राफर गागरिन मिश्रा का कल रात मुंबई स्थित अपने आवास पर देहांत हो गया है. बीते एक माह के भीतर उनके परिवार पर आया यह दूसरा कल है. अभी हाल ही में गागरिन अपने मूल निवास उड़ीसा में अपने छोटे ब्रदर देबेन मिश्रा को आखिरी विदाई देकर लौटे थे. मुंबई आने के पश्चात् भी उनका दुःख कम नहीं हो पाया, तथा दिल की धड़कन थमने से उन्होंने भी अपना जान गँवा दी.
वही गागरिन ने अपने करियर का आरम्भ साल 1983 में सावन कुमार टाक के डायरेक्शन में आई फिल्म 'सौतन' से की थी, जिसमें राजेश खन्ना, टीना मुनीम तथा पद्मिनी कोल्हापुरी मुख्य किरदारों में हैं. इस मूवी में गागरिन ने सहायक कैमरामैन का किरदार निभाया. तत्पश्चात, निरंतर वह बेताब, लैला, लावा, अर्जुन, फासले, प्रीति, एक चादर मैली सी जैसी मूवीज के साथ सहायक कैमरामैन के तौर पर जुड़े रहे. गागरिन ने प्यार की जीत, रामअवतार, वारिस, तेजाब, इंसानियत, चांदनी, चालबाज, नरसिम्हा, अकेला, क्षत्रिय, रूप की रानी, चोरों का राजा जैसी कई बड़ी मूवीज में भी सहायक कैमरामैन का किरदार निभाया है.
साल 1995 में मुकुल आनंद के डायरेक्शन में आई मूवी 'त्रिमूर्ति' में गागरिन ने आखिरी बार कैमरा ऑपरेटर का कार्य किया. इससे पूर्व साल 1987 में आई एक उड़िया भाषा की मूवी 'अन्याय साहिबी नहीं' में ही प्रथम बार गागरिन को सिनेमैटोग्राफी करने का अवसर प्राप्त हो गया था. किन्तु उन्होंने सिनेमैटोग्राफर के तौर पर अपना कार्य साल 2001 में ज्योति स्वरूप के डायरेक्शन में बनी कश्मीरी भाषा की मूवी 'बब (Bub)' से जारी किया. इसी के साथ उन्होंने कई फिल्मों में कार्य किया, तथा कई उपलब्धिया हासिल की है.
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