भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध लगभग तीन महीने के उपरांत फिर से पहलवान धरने पर बैठ चुके हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना कर रहे पहलवानों में बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के प्रमुख पहलवान का नाम भी जुड़ चुका है। पहलवानों का इस बारें में कहना है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के विरुद्ध यौन शोषण के इल्जामों पर निगरानी समिति की जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर)भी की जा चुकी है। जिसके पूर्व पहले जनवरी में पहलवान धरने पर बैठे थे और उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे जिन्हें बृजभूषण शरण सिंह ने निराधार कहा है।
बजरंग और विनेश 2018 केजकार्ता एशियाई खेलों के गोल्ड मेडल विजेता हैं। धरने के चलते दोनों ही पहलवानों की इस वर्ष हांगझोउ (चीन) में होने वाले एशियाई खेलों की दावेदारी खतरे में पड़ चुकी है। खुद बजरंग ने मीडिया को स्पष्ट किया कि उन्होंने खेल मंत्रालय को एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए विदेश में ट्रेनिंग का कार्यक्रम दिया था, लेकिन अब यह धरना उनकी प्रमुखता बन गया है। जिसके लिए उन्हें एशियाई खेल छोडऩे ही क्यों न पड़ें, लेकिन वह पीछे नहीं हटेंगे।
किर्गिस्तान नहीं गए थे बजरंग: बजरंग का इस बारें में कहना है कि उन्होंने यह तय किया था कि वह एशियाई खेलों का ट्रायल देने वाले है और 65 भार वर्ग में दावेदारी जताएंगे, लेकिन इस प्रकरण ने उनकी ही नहीं बल्कि धरने पर बैठने वाली विनेश,साक्षी, सत्यव्रत, जितेंदर का बहुत हानि भी पहुंची है। बजरंग ने कहा कि उन्होंने बीते माह किर्गिस्तान में तैयारियों के लिए प्रस्ताव भी जारी कर दिया है। खेल मंत्रालय और टॉप्स ने इसे मंजूर भी कर लिया था, लेकिन जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने के कारण उन्होंने इस दौरे पर नहीं जाने का निर्णय भी कर लिया है। अगर सब कुछ ठीक हो जाता है तो वह तभी एशियाई खेलों की तैयारी कर पाएंगे।
आखिर क्यों धरने पर बैठे सारे पहलवान
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