विदिशा: आज देश को नए संसद भवन की सौगात मिल गई है जिसका देश के पीएम नरेंद्र मोदी लोकार्पण किया। बता दे कि हमारे देश के पहले के संसद का डिजाइन मध्य प्रदेश के मितावली में स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर से लिया गया था तथा ये भी संयोग है कि नए संसद भवन का भी डिजाइन मध्य प्रदेश के ही एक मंदिर से लिया गया है जिसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है।
वही नए संसद भवन का जो डिजाइन है, वह मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित विजय मंदिर से मिलता हुआ है। विजय मंदिर को बीजा मंडल भी बोलते हैं तथा प्राचीन काल में इस मंदिर के कई और भी नाम रहे हैं यह एक संयोग हो सकता है कि इस मंदिर की संरचना से नए संसद भवन की संरचना बहुत कुछ मिलती जुलती है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, दक्षिण भारत के चालुक्य वंश के शासक कृष्ण एवं उनके प्रधानमंत्री वाचस्पति से जुड़ा हुआ है जिन्हें इस मंदिर का निर्माता बताया जाता है।
वही इस मंदिर का पहला ऐतिहासिक उल्लेख तब मिलता है जब विदेशी आक्रमणकारी महमूद गजनवी के साथ 1024 ईसवी में अलबरुनी भारत आया था तथा उसने इस विशाल मंदिर का उल्लेख किया था। कहा जाता है कि ये मंदिर आधा मील लंबा और चौड़ा था तथा इसकी ऊंचाई 105 गज थी। इस कारण इस मंदिर के कलश दूर से ही नजर आते थे। बता दे कि पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी तथा 28 मई 2023 को इसका उद्घाटन किया।