नई दिल्ली: डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर सियासत एक बार फिर गर्म है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच तकरार के केंद्र में इस बार सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा उर्फ़ सैम पित्रोदा का विवादित बयान है। राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले पित्रोदा ने दावा किया है कि भारतीय संविधान का निर्माण आंबेडकर की बजाय जवाहरलाल नेहरू का योगदान अधिक था।
26 जनवरी 2024 को पित्रोदा ने एक ट्वीट में लिखा, "संविधान को बनाने में सबसे ज्यादा योगदान नेहरू का था, न कि आंबेडकर का। बाबासाहेब को संविधान निर्माता कहा जाना, भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा झूठ है।" बीजेपी ने इस बयान पर हमला करते हुए सवाल उठाया है कि राहुल गांधी, जो जगह-जगह संविधान बचाने की बात करते हैं, अपने गुरु पित्रोदा के इस बयान पर क्या रुख अपनाएंगे? बीजेपी प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा, "क्या राहुल गांधी अपने गुरु को माफी मांगने के लिए कहेंगे?"
उल्लेखनीय है कि, यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा ने अपने बयानों से कांग्रेस को मुश्किल में डाला हो। 2019 में सिख विरोधी दंगों पर उन्होंने कहा था, "जो हुआ, सो हुआ।" यह बयान कांग्रेस की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला साबित हुआ था। 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान कांग्रेस समर्थकों ने सैकड़ों सिखों की हत्या की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस नरसंहार पर कहा था, "जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती थोड़ी हिलती ही है।'' राजीव की ही तरह पित्रोदा ने भी इस नरसंहार पर दुःख जताने की जगह इसे कमतर आंकने का प्रयास किया था।
इसी लोकसभा चुनाव (2024) में पित्रोदा ने दक्षिण भारतीयों को उनके रंग के कारण अफ्रीकी लोगों जैसा और पूर्वी भारत के लोगों को चीनी जैसा कह दिया था, जिस पर काफी बवाल मचा था। चुनाव चल रहे थे, सो विवाद से बचने के लिए कांग्रेस ने पित्रोदा को ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए पित्रोदा को पद वापस दे दिया गया। जिससे जनता में ये सन्देश गया कि कांग्रेस खुद भी पित्रोदा की उलजुलूल बयानबाज़ी का समर्थन करती है, वरना वो उन पर एक्शन क्यों ना लेती।
अब पित्रोदा का एक और ट्वीट वायरल हुआ है, जिसमे उन्होंने कहा है कि ये भारत का सबसे बड़ा झूठ है कि अंबेडकर ने संविधान बनाया था, संविधान बनाने में सबसे बड़ा हाथ नेहरू का था। पित्रोदा का ये ट्वीट ऐसे समय में वायरल हो रहा है, जब कांग्रेस के दो प्रमुख नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथों में संविधान लेकर घूम रहे हैं, और जगह-जगह बाबा साहेब के संविधान को बचाने की कसमें खा रहे हैं। राहुल-प्रियंका कहीं ये नहीं कहते कि वे नेहरू का संविधान बचाने निकले हैं, वे बाबा साहेब का ही नाम लेते हैं , लेकिन राहुल के ही राजनितिक गुरु पित्रोदा का तो कहना है कि संविधान बाबा साहेब ने लिखा, ये झूठ है। तो अब झूठ पित्रोदा बोल रहे हैं या राहुल गांधी, ये तो कांग्रेस ही बता सकती है।