'देश देख रहा है, एक अकेला कितनों पर भारी है..', विपक्ष के हंगामे के बीच पीएम मोदी ने भरी हुंकार

'देश देख रहा है, एक अकेला कितनों पर भारी है..', विपक्ष के हंगामे के बीच पीएम मोदी ने भरी हुंकार
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नई दिल्ली: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। करीब 85 मिनट के संबोधन में पीएम मोदी ने नेहरू-गांधी परिवार, अनुच्छेद 356, नौकरी-बेरोजगार जैसे मुद्दों को उठाया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण को समेटते हुए कहा कि जिन्हें सत्ता के सिवा कुछ नहीं दिखता है, उन्होंने अर्थ नीति को अनर्थ नीति में बदल डाला है। मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं, मैं इस सदन की गंभीरता के साथ उनसे कहना चाहता हूं अपने अपने प्रदेशों में जाकर समझाएं कि ये गलत रास्ते पर न चले जाएं, पड़ोस के देशों की स्थिति देख रहे हैं, अनाप-शनाप कर्जे लेकर क्या हाल कर दिया है। 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इनकी सोच है कि भारी-भरकम कर्जा ले लिया जाए, भुगतान आने वाली पीढ़ी करती रहेगी। कर्ज करो और घी पीओ, ये सोचने वाले राज्य को तो बर्बाद करेंगे ही, साथ ही पूरे देश को भी बर्बाद कर देंगे। पड़ोसी देशों को देखिए, विश्व में उन्हें कोई कर्ज देने कप तैयार नहीं हैं, ये मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि, एक देश की आर्थिक सेहत के साथ खिलवाड़ मत कीजिए। आप ऐसा कोई पाप मत कीजिए, जो आपके बच्चों के हक छीन लें। इस बीच विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा था, लेकिन, हंगामे और नारेबाजी के बावजूद पीएम मोदी लगातार अपना वक्तव्य देते रहे। 

उन्होंने कहा कि हमने सामाजिक न्याय, दो समय की रोटी जैसी समस्याओं का हल निकाला है, आपने इसका समाधान नहीं निकाला था। हम स्वतंत्र भारत के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होकर चले हैं। विपक्ष को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सीना ठोकते हुए कहा कि सभापति जी देश देख रहा है एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है।  नारे लगाने के लिए भी इनको (सांसदों को) बदलना पड़ता है। दो मिनट एक बोलता है, फिर दूसरा। यहाँ एक घंटे से आवाज दबी नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि आदरणीय सभापति जी मैं देश के लिए जीता हूं। देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हुआ हूं। और इसलिए ये सियासी खेल खेलने वाले लोग, उनके अंदर ये हौसला नहीं है, इसलिए वे अब बचने का रास्ता खोज रहे हैं। 

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