ढाका: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद, प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि जिस भी देश में शेख हसीना रहेंगी, उस देश के दूतावास का ढाका में घेराव किया जाए। फिलहाल, शेख हसीना भारत में हैं और उनका हेलीकॉप्टर त्रिपुरा में उतरा है। इसके बाद वे दिल्ली जाएंगी और संभावना है कि वहां से लंदन रवाना हो जाएंगी। हसीना ने अभी तक भारत से राजनीतिक शरण नहीं मांगी है। उधर, बताया जा रहा है कि, कट्टरपंथियों ने शेख हसीना के जाने के बाद हिन्दुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, उनके घर मंदिर जलाए जा रहे हैं, महिलाओं के बलात्कार हो रहे हैं और पुरुषों की हत्या की जा रही है। इसके कुछ बेहद दर्दनाक वीडियो सामने आए हैं।
Heartbreaking ????बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी के आतंकवादियों द्वारा एक बूढ़े हिंदू व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसे एक मूर्ति पर लटका दिया गया।
— Ghanshyam Gautam (@GSGauttam) August 6, 2024
इस्लामवादियों को उनके चारों ओर AIIah-Hu-Akbar के नारे लगाते देखा गया... #SaveBangladeshiHindus pic.twitter.com/EsOn7jTh3N
वहीं, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो चुका है। उनके इस्तीफे के बाद, सेना ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया है। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में घुसकर सामान लूट लिया है। सेना ने शांति की अपील करते हुए कहा है कि लोगों की मांगों पर विचार किया जाएगा। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में एक कट्टरपंथी राजनीतिक संगठन के रूप में जानी जाती है। हाल ही में शेख हसीना ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे विरोधियों को दबाने की कोशिश माना गया। इस कदम के बाद, संगठन खुलकर छात्रों के साथ प्रदर्शन करने लगा।
बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार जारी है। 1000 से ज़्यादा लोग मारे गए#जमात_ए_इस्लामी के आतंकवादी हिंदू महिलाओं को लूट रहे हैं और उनका अपहरण कर रहे हैं
— Rajesh Kaushik (@RajeshK54255159) August 5, 2024
वे हिंदुओं के घर, मंदिर और यहाँ तक कि पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को भी जला रहे हैं
बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए यह वाकई… pic.twitter.com/hS5Yb5pc0s
जमात-ए-इस्लामी को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी का समर्थक माना जाता है। इसकी स्थापना 1941 में ब्रिटिश शासन के तहत अविभाजित भारत में हुई थी। 2018 में हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद चुनाव आयोग ने जमात का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था, जिससे यह पार्टी चुनाव लड़ने योग्य नहीं रही। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों में जमात-ए-इस्लामी का नाम आता रहा है। बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश है और हिंदू वहां अल्पसंख्यक हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी हिंदुओं को निशाना बना रही है। पिछले कुछ वर्षों में कई हिंदुओं पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं।
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