लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को बड़ी हिंसा हुई, जब पुलिस टीम कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची। उस समय 800-900 लोगों की मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें 24 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसक झड़प में भीड़ में शामिल 5 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, सर्वे के दौरान मस्जिद के पास अचानक इस्लामी भीड़ जमा हो गई और ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते हुए पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, उनके हथियार लूट लिए, और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि रैपिड एक्शन फोर्स और अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाना पड़ा। FIR में बताया गया है कि, भीड़ का इरादा खून-खराबे का था, वो पुलिस की हत्या कर देना चाहते थे।
इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें कोतवाली संभल, कैलादेवी, रजपुरा, और कुढ़फतेहगढ़ के SHO शामिल हैं। SDM रमेश बाबू, DSP अनुज चौधरी, और SP संभल के PRO को भी गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए वाटर कैनन, आँसू गैस, और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया, लेकिन भीड़ हिंसा करती रही।
घटना के बाद पुलिस ने 21 आरोपितों को गिरफ्तार किया, जिनकी उम्र 14 से 72 वर्ष के बीच है। गिरफ्तार लोगों में मोहम्मद शादाब, मोहम्मद रिहान, गुलफाम, अमान, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद समीर, याकूब, सलमान, रिहान अली, मोहम्मद बाबू, मोहम्मद हैदर, यामीन, और अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों के पास से पुलिस से लूटे गए हथियार, तमंचे, कारतूस, और रबर बुलेट बरामद हुए हैं।
पकड़े गए आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतकों को .315 बोर की गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। हमलावरों ने पुलिस की प्राइवेट और सरकारी गाड़ियों को निशाना बनाया। पत्थरबाजी और आगजनी के कारण स्थानीय लोग डरे हुए थे और कोई गवाही देने को तैयार नहीं था। इस दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के जरिए अन्य आरोपितों की पहचान की कोशिश शुरू कर दी है।
फिलहाल, इलाके में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है, और घटना की जाँच जारी है।