अहमदाबाद: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार (12 मई) को गुजरात के गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ के अधिवेशन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक संघ के अधिवेशन को संबोधित करते हुए गुरु-शिष्य संबंधों पर चर्चा की और शिक्षकों के साथ अपने संबंधों का भी उल्लेख किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विद्यालय में शौचालय न होने की वजह से बड़े आंकड़े में बेटियां स्कूल छोड़ देती थीं। इसलिए हमने अभियान चलाकर विद्यालय में बेटियों के लिए अलग से शौचालय बनवाए। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी के छात्रों की जिज्ञासा, उनका कौतूहल एक नया चैलेंज लेकर आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये छात्र आत्मविश्वास से भरे हैं, निडर हैं। ऐसे विद्यार्थियों का स्वभाव अध्यापकों के लिए अध्यापकों के सामने पारंपरिक तौर-तरीकों से बाहर निकलने की चुनौती भी लेकर आया है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के पास सूचना के अलग-अलग स्रोत हैं जिसके कारण वजह से अध्यापकों के सामने भी स्वयं को अपडेट रखने की चुनौती आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन चुनौतियों से एक शिक्षक कैसे निपटता है, इस पर हमारी शिक्षा व्यवस्था का भविष्य निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा तरीका ये है कि इन चुनौतियों को पर्सनल और प्रोफेशनल ग्रोथ के अवसर पर देखा जाए। ये चुनौतियां हमें लर्न, अनलर्न और री-लर्न करने का मौका देती हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग की भी चर्चा की तथा कहा कि इससे इंफॉर्मेशन प्राप्त हो सकती है किन्तु सही दृष्टिकोण नहीं। उन्होंने कहा कि केवल एक गुरु ही बच्चों को ये समझने में सहायता कर सकता है कि कौन सी जानकारी उपयोगी है और कौन सी नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि छोटे बच्चों के लिए टीचर, परिवार से बाहर वो पहला व्यक्ति होता है, जिसके साथ वो सबसे अधिक वक़्त गुजारते हैं। आगे उन्होंने कहा कि आप सभी में इस दायित्व का एहसास आने वाली पीढ़ियों को बहुत मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप सोचते होंगे कि आप गणित, विज्ञान या कोई अन्य विषय पढ़ा रहे हैं। लेकिन छात्र आपसे सिर्फ वही विषय नहीं सीख रहा। वो ये भी सीख रहा है कि अपनी बात कैसे रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र आपसे धैर्य रखने, दूसरे की सहायता करने जैसे गुण भी सीख रहा है।
बिहार: सिलिंडर फटने से हुआ दुखद हादसा, तीन की जिंदा जलकर मौत, 3 अन्य झुलसे