नई दिल्ली: मंगलवार दोपहर को दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी कई स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, पिथौरागढ़ एवं अल्मोड़ा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. झटके इतने तेज थे कि घरों-कार्यालयों में लोगों ने इन्हें महसूस किया. हालांकि, अभी तक जान माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर आए. इनकी तीव्रता 5.8 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में जमीन के 10 किमी भीतर बताया जा रहा है. इससे पहले 5 जनवरी को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. जम्मू-कश्मीर में भी धरती हिली थी. वहां भी लोगों को भूकंप के तेज झटके महसूस किए थे. इस भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई थी. इसका केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश क्षेत्र रहा था.
जानिए क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर बोला जाता है. अब ये 50 किमी की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स बोला जाता है. यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये निरंतर हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की ओर बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है. कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं. इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे क्षेत्र में हलचल होती है. कई बार ये झटके बहुत कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते. जबकि कई बार इतनी अधिक तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है.
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