वाशिंगटन: अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित BAPS स्वामिनारायण मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना अब तूल पकड़ रही है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो चुका है, जिसमें खालिस्तानी नारे और भारत विरोधी संदेश मंदिर के बाहर सड़क पर स्प्रे पेंट से लिखे गए हैं। भारत ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ‘अस्वीकार्य’ करार दिया है और न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने अमेरिकी अधिकारियों से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश में जुटी है।
The @TheJusticeDept & @DHSgov must investigate this attack on the @BAPS Hindu temple in Melville, NY shared by @OnTheNewsBeat after recent threats to Hindu institutions as a large Indian community gathering is planned in nearby Nassau County this weekend.
— Hindu American Foundation (@HinduAmerican) September 16, 2024
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यह घटना मेलविले में हुई, जो लॉन्ग आइलैंड के सफोल्क काउंटी में स्थित है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नासाऊ वेटरन्स मेमोरियल कोलिज़ीयम में होने वाले आगामी कार्यक्रम से मात्र 28 किलोमीटर दूर है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए न्याय विभाग और गृह सुरक्षा विभाग से इस घटना की जांच करने की मांग की है। फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे हाल ही में हिंदू और भारतीय संस्थानों को मिली धमकियों से जोड़कर देखा।
भारत से लेकर कनाडा और अमेरिका तक सिखों को खालिस्तान के नाम पर भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है और राहुल गांधी इस आग में केरोसिन डालने का काम कर रहे हैं। अमेरिका में वो सिखों से कह रहे हैं कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि सिख पगड़ी पहन सकते हैं,या नहीं, कड़ा पहन सकते हैं या नहीं।… pic.twitter.com/BT6wxdRwRx
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) September 10, 2024
इस घटना के संदर्भ में सवाल यह भी उठता है कि हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान राहुल गांधी ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत में सिखों को कड़ा और पगड़ी पहनने से रोका जाता है और गुरुद्वारे जाने की अनुमति नहीं दी जाती। उनके इस बयान का खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पत्र लिखकर खुला समर्थन किया था। भारत में भी कई बुद्धिजीवियों ने राहुल के इस बयान पर चिंता जताई थी, क्योंकि इस झूठे बयान से खालिस्तानी तत्व सिख समुदाय को भड़काने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन राहुल तो जहर फैलाकर चले आए।
राहुल गांधी के इस झूठे बयान के बाद, अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनके द्वारा फैलाए गए इस 'जहर' का असर अब सामने आ रहा है? क्या इसी कारण से खालिस्तानी तत्वों ने मंदिर पर हमला किया? यह घटना चिंता का विषय है, क्योंकि ऐसे बयान से उत्पन्न विभाजनकारी विचारधाराएं हिंसक घटनाओं को भड़का सकती हैं।
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