पीटर ब्रूक (Peter Brook) का 97 वर्ष की आयु में देहांत हो चुका है। उन्होंने विश्व भर के शहरों की अलग-थलग स्थानों पर जानकर थियेटर किया था। पीटर ब्रूक की गिनती दुनिया के सबसे रचनात्मक थिएटर डायरेक्टर्स में की जाती है। उन्होंने अजीबोगरीब स्थानों पर जाकर नाट्य मंचन की कला को साबित कर दिया है। खबरों का कहना है कि, पीटर ब्रूक के प्रकाशक ने रविवार को उनके निधन की जानकारी भी दी है। ब्रिटिश निर्देशक ने शेक्सपियर के चुनौतीपूर्ण कृतियों से लेकर महाकाव्यों को मंच पर प्रस्तुत कर दिया गया है। उन्होंने भारतीय महाकाव्य ‘महाभारत’ को यूरोप के कई देशों में जाकर अंग्रेजी और फ्रेंच भाषाओं में पेश किया जा चुका है। खबरों की माने तो, पीटर साल 1974 से फ्रांस में रह रहे थे, जिनका शनिवार को पेरिस में देहांत ही गया है ।
भारत सरकार ने पद्म श्री से किया था सम्मानित: इतना ही नहीं पीटर ब्रूक के ‘महाभारत’ में वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की बेटी मल्लिका साराभाई द्रोपदी बनी थीं। इंडिया गवर्नमेंट ने उनके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए, साल 2021 में उन्हें पद्म श्री की उपाधि से नवाजा जा चुका है। 21 मार्च 1925 को लंदन में जन्में पीटर ब्रूक को प्रिक्स इटालिया अवॉर्ड और एमी अवॉर्ड्स जैसे कई तरह के पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
थियेटर की दुनिया में ताउम्र सक्रिय रहे पीटर ब्रूक: बता दें कि रूसी माता-पिता की संतान पीटर 17 वर्ष की आयु में निर्देशक बन गए थे। उन्हें जब रॉयल शेक्सपियर कंपनी का निदेशक बना दिया गया था, तब वे सिर्फ 20 वर्ष के थे। वे इंग्लैंड के रॉयल ओपेरा हाउस से भी जुड़े हुए थे। बाद में, उन्होंने खुद की एक कंपनी स्थापित की, इसकानाम है- ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियेट्रिकल रिसर्च।’ वे इसके जरिये दुनिया भर में थियेटर से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेते रहे।
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