आजकल टीवी पर बताते हैं हैंडवाश सबसे सेफ है। इससे हाथ धोना सबसे अच्छा है। लेकिन क्या आप जानते हैं जितना सेफ आप हैंडवाश को समझते हैं उतना वो होता नही है। जी हाँ,यही बताने के लिए आये हैं आज हम। जानिए कितना सेफ है ये आपके लिए और कितना नहीं।
एंटी बैक्टीरियल के रूप में यूज़ किए जा रहे साबुन या हैण्डवाश बैक्टीरिया को पनपने में मदद कर रहे हैं। ये उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा रहे हैं। दरअसल, एंटी-बैक्टीरियल एजेंट्स और बैक्टीरिया के बीच गहरा रिश्ता पाया गया है। वे बैक्टीरिया को बढ़ने में हेल्प करते हैं। एक नई रिसर्च के अनुसार, एंटी बैक्टीरियल एजेंट्स और बैक्टीरिया के बीच हाई एसोसिएशन है, जो एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोधी हो जाता है। माना जाता है कि यदि बैक्टीरिया एंटीबायोटिक एजेंट्स के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है, तो उस पर इनका असर नहीं होता और इस वजह से बैक्टीरिया में दवाइयों का विरोध करने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
एंटीबायोटिक दवाइयों के विपरीत सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने के लिए यूज़ किए जाने वाले एजेंट्स (Antimicrobial) स्थायी अवशेष छोड़ते हैं, जो लंबे समय तक वातावरण में बने रहते हैं। Triclosan नामक Antimicrobial प्रतिरोधी क्षमता के विकास को स्वयं बढ़ावा देता है। ये कई शैम्पू, टूथपेस्ट और साबुनों में पाया जाता है। एक पॉज़िटिव एसोसिएशन Antimicrobial और कई एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीनों के बीच देखा गया है. इस स्टडी को लिखने वाले लेखकों के मुताबिक, मानव त्वचा की धूल में 25 प्रतिशत बैक्टीरिया पाया गया है।
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