अहमदाबाद: गुजरात से रैगिंग की एक बेहद गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें MBBS प्रथम वर्ष के छात्र की जान चली गई। यह घटना पाटन जिले के धारपुर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में हुई। मृतक 18 वर्षीय छात्र अनिल मेथानिया को कथित तौर पर 7-8 वरिष्ठ छात्रों ने 3 घंटे तक खड़ा रहने पर मजबूर किया। इन वरिष्ठ छात्रों ने अनिल से अलग-अलग तरीकों से परिचय देने की मांग की। अत्यधिक थकावट के कारण अनिल बेहोश होकर गिर पड़ा।
अनिल को तुरंत चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, किन्तु उपचार के चलते उसने दम तोड़ दिया। घटना के पश्चात् कॉलेज प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए 15 सीनियर छात्रों को सस्पेंड कर दिया तथा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। अनिल के परिवार ने न्याय की मांग की है। अनिल सितंबर में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के पश्चात् से पढ़ाई कर रहा था। वह सुरेंद्रनगर जिले के ध्रांगध्रा तालुका के जेसदा नामक छोटे से गांव का निवासी था, जिसकी आबादी मात्र 5,000 है। बिना किसी कोचिंग के अनिल ने NEET परीक्षा में 550 अंक और गुजरात कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (GUJCET) में 90.57 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।
तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे अनिल के पिता 56 वर्षीय किसान नरवर भाई और मां 53 वर्षीय गीताबेन हैं। वह उनके इकलौते बेटे थे। परिवार अनिल की इस असामयिक मौत से गहरे सदमे में है। अनिल के चचेरे भाई और आईटी पेशेवर गौतम मेथानिया ने बताया कि अनिल ने 10वीं कक्षा से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था। अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए उसने कठिन मेहनत की तथा बिना किसी सहायता के ही मेडिकल परीक्षा पास की। अनिल के पिता ने बताया कि 16 नवंबर को उनकी बेटे से बात हुई थी तथा वह बिल्कुल स्वस्थ था। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अपने बेटे के सपनों को साकार करने के लिए उन्हें अपनी जमीन बेचनी पड़ती, तो वे खुशी-खुशी ऐसा करते। किन्तु इस दर्दनाक घटना ने उनका सबकुछ छीन लिया। अब परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है, जिससे किसी और छात्र को रैगिंग के कारण अपनी जान न गंवानी पड़े।
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