देश का पहला ऐसा शहर, जहां अब भीख देने और लेने वालों पर होगी FIR

देश का पहला ऐसा शहर, जहां अब भीख देने और लेने वालों पर होगी FIR
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इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर, जिसे लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त है, अब भिखारी मुक्त शहर बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। प्रशासन ने नए साल से एक बड़ा फैसला लिया है। 1 जनवरी 2024 से, इंदौर में यदि कोई व्यक्ति भीख देता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इंदौर कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी दरियादिली को सही दिशा में लगाएं तथा भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें।

प्रशासन का एक्शन 
इंदौर प्रशासन ने भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए व्यापक योजना तैयार की है। बीते कई महीनों से प्रशासनिक टीमें सड़कों पर भीख मांगने वालों को रेस्क्यू कर रिहैबिलिटेशन सेंटरों में पहुंचा रही हैं। इन केंद्रों में इन लोगों को न केवल रहने-खाने की सुविधा दी जा रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

भिक्षावृत्ति रोकने की आवश्यकता
इंदौर कलेक्टर ने बताया कि हाल ही में शहर में सक्रिय एक भिक्षावृत्ति गिरोह का भंडाफोड़ किया गया था। इस गैंग ने कई मजबूर और असहाय लोगों को निशाना बनाकर उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर किया। गिरोह का भंडाफोड़ होने के पश्चात् प्रशासन ने भिक्षावृत्ति के इस संगठित रूप को खत्म करने का संकल्प लिया है।

नए नियम और सख्ती
नए वर्ष से लागू होने वाले इस नियम के तहत, न केवल भीख मांगने वालों को रेस्क्यू किया जाएगा, बल्कि उन पर कार्रवाई भी होगी, जो इन लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। अगर कोई व्यक्ति सड़कों पर किसी को भीख देता पाया गया, तो पुलिस उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी और FIR दर्ज की जाएगी।

वही इंदौर प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी उदारता को सही दिशा में उपयोग करें। अगर वे जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं, तो मान्यता प्राप्त एनजीओ या सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से करें, जो इनकी सहायता के लिए काम करती हैं।

भिक्षावृत्ति सिर्फ आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी है। अक्सर देखा गया है कि भीख मांगने वाले लोगों के पीछे संगठित गिरोह काम करते हैं, जो इनसे जबरन काम करवाते हैं तथा उनका शोषण करते हैं। वही यह कदम न केवल इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने में मदद करेगा, बल्कि भिक्षावृत्ति की समस्या से जुड़े शोषण, गरीबी और सामाजिक असमानता को भी कम करने में सहायक साबित होगा। नए साल के साथ ये पहल शहर को एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं। 

 

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