नई दिल्ली: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण अगले शुक्रवार (5 मई 2023) को लगने वाला है. बता दें कि, चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है. इस बार यह चंद्र ग्रहण तुला राशि में लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण बेहद विशेष रहने वाला है, क्योंकि ये ग्रहण 139 वर्षों के बाद बुद्ध पूर्णिमा पर लग रहा है. धार्मिक नजरिए से ग्रहण की घटना को बेहद अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित होते हैं. लोगों को ग्रहणकाल में सिर्फ भगवान का नाम जपने की सलाह विद्वानों द्वारा दी जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में नज़र नहीं आएगा. इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा. किन्तु, यह चंद्र ग्रहण यूरोप, मध्य एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका जैसी जगहों पर नज़र आएगा. भारतीय समय के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण उपरोक्त देशों में रात 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि लगभग 1 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
बता दें कि, चंद्र ग्रहण उस समय लगता है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा संरेखित होते हैं, इसलिए पृथ्वी दोनों के बीच आ जाती है और चंद्रमा कुछ देर के लिए पृथ्वी की छाया में ढक जाता है. यह ग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि लगभग 01 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 04 घंटे 15 मिनट की होगी. साथ ही चंद्र ग्रहण तुला राशि में लगना जा रहा है और यहां चंद्रमा केतु की युति बन रही है. ऐसे में चंद्रमा की पहली दृष्टि मेष राशि पर पड़ेगी. इसलिए इस चंद्र ग्रहण से मेष और तुला राशि वालों को बेहद सावधान रहना होगा.
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