देहरादून: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को लेकर उठाए जा रहे सवालों के जवाब मसूरी में दिए। उन्होंने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी के कारण हमें सुनना पड़ा। सीएम ने चिंतन शिविर में कहा कि मेरी यह आदत नहीं कि मैं कहूं कि यह काम या योजना मेरे वक़्त की नहीं है। जो भी खराब है, हम उसे ठीक करेंगे। उन्होंने कहा कि जो पहले हुआ, वो भी हमारा और जो खराब हुआ, उसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी हमारी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले जो भी गलत हुआ है, उसे ठीक करने की जिम्मेदारी हमारी सरकार की है तथा सरकार बिगड़ी हुई चीजों को ठीक करेगी।
ध्यान हो कि देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर पिछले दिनों देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने मुख्यमंत्री को पत्र दिया था। उन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर प्रश्न उठाए थे। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी स्मार्ट सिटी के कामों पर प्रश्नचिह्न लगाए थे। उन्होंने कहा था कि बार-बार अधिकारी बदलने से प्रोजेक्ट के काम प्रभावित हो रहे हैं। इन सवालों के जवाब मुख्यमंत्री ने मसूरी में दिए, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। इस के चलते सीएम ने जहां अधिकारीयों को नसीहत दी वहीं, राजनेताओं को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जो मछली मुंह खोलती है, अक्सर वही कांटे में फंसती है।
कलेक्टर ने कहा- डिमोशन हो गया मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग के कलेक्टर मयूर दीक्षित का उदाहरण। उन्होंने कहा, चारधाम यात्रा आरम्भ होने से पहले मयूर उत्तरकाशी के कलेक्टर थे। मुझे रुद्रप्रयाग के लिए अच्छा अधिकारी चाहिए था तो मैंने मुख्य सचिव से पूछा। उन्होंने मयूर का नाम सुझाया तो उन्हें रुद्रप्रयाग भेजा गया। रुद्रप्रयाग भेजने पर मयूर का मुझे फोन आया। कहने लगे-बड़े जिले से छोटे में भेज दिया। यह तो मेरा डिमोशन हो गया। मैंने उन्हें समझाया। वह बात समझ गए तथा उन्होंने रुद्रप्रयाग जाकर बेहतरीन तरीके से कार्य आरम्भ कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लक्ष्य दिए जाएं, उन्हें पूरी ईमानदारी से प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। सीएम ने कहा-मेरा डेढ़ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इस के चलते मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं बोला जिस पर विवाद की स्थिति पैदा हुई हो। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि मैं बोलता बहुत कम हूं। इसलिए कभी फंसने की नौबत ही नहीं आई। मैं शारदा नदी के किनारे पला-बढ़ा हूं। शारदा मेरे घर से सिर्फ 50 मीटर दूर है। बचपन से ही मैं अक्सर नदी में मछली पकड़ता था। मैं देखता था कि जो मछली मुंह खोलती, वही फंस जाती थी। कहा जा रहा है कि सीएम ने इस बयान के माध्यम से ज्यादा बोलने वालों को नसीहत दी।
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