नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आज रविवार (11 जून) को आम आदमी पार्टी (AAP) महारैली कर रही है. इसमें शामिल होने वाले लोगों को गर्मी से बचाने के लिए मैदान में विशेष बंदोबस्त किए गए हैं. इस रैली को लेकर दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के तानाशाही अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की जनता रामलीला मैदान में एकजुट हो रही है. इसके साथ ही केजरीवाल ने अपील की है कि संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए इस महारैली में सभी लोग शामिल हों.
रामलीला मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि चौथी पास राजा (पीएम मोदी) को समझ ही नहीं आ रहा है कि देश कैसे चलाया जाता है. चारों तरफ बेरोजगारी फैली हुई है. इनको समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह दूर करें. भ्रष्टाचार कैसे दूर करें. GST के कारण व्यापारी परेशान हैं. रेलवे का क्या हाल कर दिया. पूरा बेड़ा गर्क कर दिया. 2002 में पीएम गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे. 12 साल गुजरात के सीएम रहे. पिछले 9 साल से प्रधानमंत्री हैं. 21 साल हो गए राज करते-करते. मैं 2015 में मुख्यमंत्री बना था, मुझे 8 साल हो गए . आज उन्हें चुनौती देता हूं. 21 साल और 8 साल किसने अधिक काम किया.
केजरीवाल ने आगे कहा कि, दिल्ली वालों ने 2014 (लोकसभा चुनाव में सभी सीट) में मोदी जी को 7 सीटें दी, मगर 70 में से 3 सीट बीजेपी को दीं, 67 सीटें AAP को दीं. उसके बाद 2019 में दिल्ली ने कहा कि आप देश संभालो, मगर 70 (विधानसभा चुनाव) में से 62 सीटें दी, बोले केजरीवाल जी आप दिल्ली संभालो. मगर पीएम मोदी फिर भी दिल्लीवालों के पीछे पड़े हुए हैं. आपसे देश नहीं संभल रहा है, बेड़ा गर्क कर दिया है आपने. दूध, सब्जी, LPG और कितनी महंगी होगी.
क्या है दिल्ली सरकार और अध्यादेश मामला:-
बता दें कि, 11 मई के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित सेवा मामलों से जुड़े सभी कामकाज पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल बताया था. वहीं, जमीन, पुलिस, और पब्लिक ऑर्डर के अलावा सभी विभागों के अफसरों पर केंद्र सरकार को कंट्रोल दिया गया था. ये पॉवर मिलते ही, केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सचिवालय में स्पेशल सेक्रेट्री विजिलेंस के आधिकारिक चैंबर 403 और 404 को सील करने का फरमान सुना दिया और विजिलेंस अधिकारी राजशेखर को उनके पद से हटा दिया था. लेकिन, केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई और फिर राजशेखर को अपना पद वापस मिल गया. इसके बाद पता चला कि, दिल्ली शराब घोटाला और सीएम केजरीवाल के बंगले पर खर्च हुए करोड़ों रुपए की जांच राजशेखर ही कर रहे थे. उन्हें पद से हटाए जाने के बाद उनके दफ्तर में रखी फाइलों से छेड़छाड़ किए जाने की बात भी सामने आई थी. एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे राजशेखर के दफ्तर में आधी रात को 2-3 लोग फाइलें खंगालते हुए देखे गए थे. ऐसे में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और अजय माकन द्वारा कहा जा रहा है कि, केजरीवाल इस अध्यादेश का विरोध दिल्ली की जनता के लिए नहीं, बल्कि खुद को बचाने के लिए कर रहे हैं. साथ ही इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस से केजरीवाल का साथ न देने की अपील की है. वहीं, सीएम केजरीवाल केंद्र के इस अध्यादेश को संविधान का गला घोंटने वाला और लोकतंत्र पर हमला करने वाला बता रहे हैं और तमाम विपक्षी दलों से एकसाथ आने की अपील कर रहे हैं.
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