पाकिस्तान के लाहौर में खुलेआम एक महिला का उत्पीड़न हुआ। उसकी गलती यह थी कि वो एक ऑउटफिट पहनकर किसी रेस्टोरेंट में आ गई थी तथा उसकी ऑउटफिट पर अरबी में कुछ लिखा था। इस ऑउटफिट को देखने के पश्चात् तहरीक-ए-लब्बैक के सदस्य भड़क गए। उन्हें लगा कि उर्दू में जो लिखा है वो कुरान की आयतें हैं तथा महिला ने इस ऑउटफिट को पहन ईशनिंदा की है।
घटना लाहौर के इछरा बाजार की है। महिला वहाँ एक रेस्टोरेंट में बैठी थी तभी लोगों का एक समूह आया तथा उसे घेरकर अपशब्द बोलने लगा। वीडियो में सुन सकते हैं कि पीछे से आवाज आ रही है- ‘इस्लाम का मजाक बना रखा है’ तथा सामने महिला ये सब देख एकदम सन्न बैठी है। वहाँ कुछ और लोग भी हैं जो भीड़ के गुस्से से महिला बचाने की कोशिश कर रहे हैं मगर भीड़ शांत होने का नाम नहीं ले रही। महिला मुँह छिपाकर बैठी है नजर आ रही है। मुद्दा बढ़ने पर महिला को बचाने के लिए पुलिस को बुलाया गया। जहाँ स्थिति समझते हुए गुलबर्ग की ASP सईदा सहरबानो नकवी ने सूझबूझ से तुरंत एक्शन लेते हुए पहले महिला को आक्रोशित भीड़ से दूर किया। उन्होंने भीड़ से कहा कि वो ऐसे वाकयाओं को 3 बार हैंडल कर चुकी हैं, लोगों को उनपर भरोसा तो करना पड़ेगा। फिर वो ये बोलकर रेस्टोरेंट का शटर खोलकर अंदर चली जाती हैं वहाँ महिला को भीड़ के बीच से निकालकर अपने साथ ले जाती हैं। लेकिन भीड़ शांत नहीं होती वो उनके पीछे भागती रहती है।
Woman in Lahore’s Ichra wearing a digital print shirt taken into police custody after a mob complained that the shirt had Quranic verses on it. pic.twitter.com/bVjtkuZlsP
— Naila Inayat (@nailainayat) February 25, 2024
बता दें कि पाकिस्तान की इस घटना के पश्चात् जब पड़ताल हुई तो पता चला कि कुर्ते पर कहीं भी कुछ भी कुरान की आयतें नहीं लिखी थीं। वो केवल अरबी की लिखावट में कुछ शब्द थे। कहीं खूबसूरत लिखा था, कहीं प्यारा लिखा था, आदि-आदि। ASP सईदा ने कहा महिला की ड्रेस पर कहीं कोई इस्लामी आयत नहीं थी। भीड़ को शायद कोई गलतफहमी हुई। उन्होंने कहा कि महिला एवं उसके शौहर शॉपिंग पर गए थे जब भीड़ ने उनकी ड्रेस में लिखी बातों को गलत समझ लिया। गौरतलब है कि महिला ने जो ड्रेस पहली थी वो सऊदी अरब लेबल शालिक रियाद की है, जिसे 2022 में रमज़ान के चलते लॉन्च किया गया था। शालिक रियाद ने इंस्टाग्राम पर ड्रेस की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया था, “सबसे अच्छा रमज़ान 2022 कलेक्शन आ गया है।”
"ASP Syeda Shehrbano Naqvi, the brave SDPO of Gulbarg Lahore, put her life in danger to rescue a woman from a violent crowd. For this heroic deed, the Punjab Police has recommended her name for the prestigious Quaid-e-Azam Police Medal (QPM), the highest gallantry award for law… pic.twitter.com/awHaIGVb9l
— Punjab Police Official (@OfficialDPRPP) February 25, 2024
वहीं, पीड़ित महिला ने बताया कि उसने ऑउटफिट का कंटेंट जाने बिना ही ऑउटफिट पहन लिया। उसने कहा कि उसने सोचा था कि पोशाक में केवल डिजाइनर पैटर्न थे, और उसे नहीं पता था कि यह अरबी टेक्स्ट था। उसने ऐसे ऑउटफिट पहनने के लिए माफी माँफी। महिला ने कहा- “सुन्नी मुस्लिम होने के नाते मैं ऐसा करने की सोच भी नहीं सकती। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। ये सब केवल गलती से हुआ है। फिर भी मैं माफी माँग रही हूँ कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।”
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