हरदा: मध्य प्रदेश के हरदा से चौंका देने वाली तस्वीर सामने आई है। जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर रहटगांव तहसील के वनग्रामों में पढ़ने वाले बच्चों को अपनी जान खतरे में डालकर विद्यालय जाने को विवश होना पड़ रहा है। प्रतिदिन लगभग 150 स्कूली बच्चों को उफनती नदी पार कर विद्यालय जाना पड़ता था। एक चूक से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि इसके अतिरिक्त उनके पास कोई अन्य रास्ता नहीं है। गांव के लोगों ने बताया कि यहां बने रपटे पर ना तो रेलिंग है और ना ही किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था। जिसके कारण जोखिम बढ़ जाता है।
वही उफनती नदी को पैदल पार कर बच्चों का विद्यालय आना जाना बेहद खौफनाक है। मरापटोल, टेमरुबहार, गुलरढाना, मोगरढाना, चांदियापुरा समेत 15 से भी ज्यादा गांवों में रहने वाले स्कूली बच्चे आए दिन इस जोखिम को उठा रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा है कि छोटे बच्चों को उनके परिजन कंधों पर ले जा रहे है। टेमरुबहार गांव के सरपंच मनोज धुर्वे मजबूरी में वर्षा के दिनों में बच्चों और गांव वालों को नदी पार करनी पड़ती है। पुल बनवाने के लिए कई बार आवेदन दिया गया पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
वहीं इस घटना पर डीएफओ अंकित पांडे ने बताया कि वन विभाग द्वारा नदी पर रपटा बनवाया गया है। वर्षा में ऐसे हालात बन जाते है, इसके लिए बच्चों के माता पिता को सतर्कता बरतनी चाहिए। उनका कहना है पुल बनाए जाने को लेकर संबंधित विभागों के अफसरों से वार्ता की जाएगी। वन विभाग के पास पुल बनाने को लेकर बजट नहीं है।
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