बुखार की शिकायत के उपरांत जिला हॉस्पिटल में भर्ती की गई बालिका की इंजेक्शन लगाने के उपरांत तबियत बिगड़ गई। बालिका को झटके आने लगे। बालिका के पिता बेटी के उपचार के लिए डॉक्टरों को तलाशता रहा, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आगे नहीं आया। जिसके उपरांत पिता ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। नर्सों पर गलत इंजेक्शन के इलज़ाम लगाए और फिर बीमार बेटी को कंधों पर उठाया और भागते हुए जिला होस्पितक से सिविल सर्जन डॉ. अशोक गुप्ता के निजी होस्पितल में ले गया, जहां से सिविल सर्जन ने वापस जिला हॉस्पिटल भेजकर इलाज शुरू करवाया।
सिंगल बस्ती निवासी लोकेन्द्र जाटव की 12 वर्षीय बेटी निशा को तेज बुखार की शिकायत के उपरांत गुरुवार प्रातः 10 बजे जिला हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। बकौल लोकेन्द्र सिंह शुक्रवार की प्रातः नर्स ने उसकी बेटी को इंजेक्शन लगाया जिसके उपरांत बच्ची के मुंह से झाग आए और फिर झटके आने लगे। कोई डॉक्टर देखने नहीं आया तो लोकेन्द्र अपनी बीमार बेटी को कंधे पर रखकर हॉस्पिटल से निकला और फिर MS रोड पर आकर ई-रिक्शा भाड़े पर किया जिससे बीमार बेटी को मिल एरिया रोड स्थित सिविल सर्जन के हॉस्पिटल लेकर पहुंचा और पूरी बात बताई। केस देख सिविल सर्जन ने निजी हॉस्पिटल की बजाय जिला हॉस्पिटल में ही अच्छा उपचार होने की बात करते हुए लोकेन्द्र को वापस जिला हॉस्पिटल भेजा जहां बच्चों के ICU में निशा को भर्ती करवाया। जिसके उपरांत खुद सिविल सर्जन ने निशा का उपचार शुरू किया। उधर बालिका का पिता लोकेन्द्र नर्सों पर लापरवाही के इलज़ाम लगा रहा है। लोकेन्द्र के अनुसार नर्स ने बिना पर्चा देखे ही उसकी बेटी को इंजेक्शन लगा दिया, उसके बाद से ही बालिका की तबियत बिगड़ती चली गई।
बालिका को तेज बुखार था जो उपचार के बीच दिमाग पर चढ़ गया, इस वजह से ऐसी हालत हो जाती है। उपचार में लापरवाही व गलत इंजेक्शन जैसी कोई बात नहीं है। बच्ची को आईसीयू में भर्ती कर इलाज कर रहे हैं। अब हालत में सुधार हो रहा है।
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